आयुर्वेदिक डाक्टरों को भी मिलेगा एलोपैथी चिकित्सकों के बराबर वेतन

सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा उत्तराखंड हाईकोर्ट का फैसला
नयी दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें हाई कोर्ट ने कहा है कि एनआरएचएम स्कीम के तहत आयुर्वेद के डॉक्टर एलोपैथी के डॉक्टर के बराबर वेतन के हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य ने अर्जी दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात को साफ करते हैं कि नैशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत प्रतिवादी आयुर्वेदिक डॉक्टर, एलोपैथी के मेडिकल ऑफिसर व डेंटल मेडिकल ऑफिसर के बराबर हैं। सुप्रीम के आदेश के बाद साफ हो गया है कि एनआरएचएम स्कीम के तहत आयुर्वेद के डॉक्टर एलोपैथी मेडिकल ऑफिसर के बराबर वेतन के हकदार हैं।

दरअसल उत्तराखंड सरकार ने एनआरएचएम स्कीम के तहत राज्य में आयुर्वेद, होम्योपैथिक, एलोपैथी और डेंटल मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति की थी। इसके पीछे उद्देश्य यह था कि ग्रामीण इलाकों में लोगों को स्वास्थ्य स्कीम का लाभ हो और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा मिल सके। लेकिन आयुर्वेद के डॉक्टरों और अन्य के बीच सैलरी में विभेद था। इसके खिलाफ आयुर्वेद के डॉक्टरों ने राज्य सरकार के संबंधित विभाग के सामने रिप्रजेंटेशन दिया लेकिन वहां से जब उन्हें राहत नहीं मिली तो उन्होंने उत्तराखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एनआरएचएम स्कीम के तहत आयुर्वेदिक डॉक्टर , एलोपैथी मेडिकल ऑफिसर के बराबर सैलरी के हकदार हैं। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में राज्य ने अर्जी दाखिल की थी। उस अर्जी पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई से इंकार कर दिया जिसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट का फैसला बरकरार है।

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