खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज में प्रेमचंद स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन

कोलकाता : खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज की ओर से प्रेमचंद की 141 वीं जयंती के अवसर पर ‘प्रेमचंद का देश’विषय पर प्रेमचंद स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। यह व्याख्यानमाला विगत 12 सालों से आयोजित हो रहा है। इस बार बतौर वक्ता उपस्थित थे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं प्रसिद्ध आलोचक- कवि आशीष त्रिपाठी । कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुबीर कुमार दत्त के स्वागत भाषण से हुआ। अतिथि एवं श्रोताओं का स्वागत करते हुए उन्होंने प्रेमचंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद अपनी अमर रचनाओं के कारण पूरे विश्व में आज भी लोकप्रिय हैं। हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शुभ्रा उपाध्याय ने विषय -प्रस्तावना में ‘प्रेमचंद स्मृति व्याख्यानमाला’ की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए कहा कि
प्रेमचंद का साहित्य और चिंतन हमारे लिए प्रेरक ही नहीं बल्कि अनुकरणीय भी है। प्रमुख अतिथि आशीष त्रिपाठी ने ‘प्रेमचंद का देश’ विषय पर ज्ञानवर्धक एवं सारगर्भित वक्तव्य देते हुए प्रेमचंद के साहित्य के द्वारा देश अथवा राष्ट्र संबंधी परिकल्पना को स्पष्ट किया। उन्होंने प्रेमचंद की रचनाओं को सामाजिक सरोकारों के साथ जोड़ते हुए, मानवीय संवेदना के विकास में सहायक बताया है। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद का भारत बहुलतावादी देश है। यहाँ साझी संस्कृति की विरासत है। प्रेमचंद बार बार सामाजिक भिन्नता को भी जीवन सौंदर्य के रूप में देखते हैं।प्रेमचंद अपनी रचनाओं में भारत को जीवितों का देश मानते हैं।
कार्यक्रम का सफल संचालन हिन्दी विभाग की शिक्षिका मधु सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन राहुल गौड़ ने दिया।इस अवसर पर देश के अलग अलग हिस्सों से श्रोताओं और साहित्य प्रेमियों ने हिस्सा लिया।

 

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