पद्म विभूषण : पत्थरों और रेत पर कहानियाँ कह जाते हैं सुदर्शन

भुवनेश्वर : सुदर्शन साहू को बेजान पत्थरों को उकेरकर पौराणिक कथाओं को सजीव सी दिखने वाली मूर्तियां गढ़ने में महारत हासिल है। अपनी कला के लिए 1988 में पद्मश्री से नवाजे जा चुके सुदर्शन ने 1977 में पुरी में क्राफ्ट म्यूजियम स्थापित किया था। इस बार सुदर्शन साहू को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है।
इसके बाद उन्होंने 1991 में भुवनेश्वर में ओडिशा सरकार के साथ मिलकर एक आर्ट्स एंड क्राफ्ट कॉलेज स्थापित किया था, जहां वे पत्थरों, लकड़ियों और फाइबर ग्लास को जानदार लगने वाली मूर्तियों में बदलने की कला सिखाते हैं। सुदर्शन साहू का जन्म 11 मार्च 1939 को ओडिशा के पुरी में हुआ था। सुदर्शन साहू प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। उनकी बनाई कलाकृतियों की प्रदर्शनी देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं।

‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ से हो चुके हैं सम्मानित
सुदर्शन को 1981 में पत्थर पर नक्काशी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। उन्होंने शिल्प गुरु पुरस्कार 2003 प्राप्त किया। उन्हें वर्ष 2012 में ओडिशा ललित कला अकादमी द्वारा धर्मपद पुरस्कार मिला।

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