बंगाल की रमनिता बनीं शबर जनजाति से स्नातकोत्तर करने वाली बनीं पहली महिला

कोलकाता। बंगाल के पुरुलिया जिले की रहने वाली रमनिता शबर ने पोस्ट ग्रेजुएशन करके इतिहास रच दिया है। वह खेडिय़ा शबर जनजाति से पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाली पहली महिला हैं। पुरुलिया के बड़ाबाजार इलाके की रहने वाली रमनिता ने पुरुलिया के सिधु कान्हू बिरसा विश्वविद्यालय से इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। उसके पिता महादेव दिहाड़ी मजदूर हैं। चार भाई-बहनों में रमनिता सबसे बड़ी हैं। बचपन में ही पढ़ाई के प्रति उसकी दिलचस्पी देखते हुए एक रिश्तेदार ने आर्थिक मदद का हाथ बढ़ाया था।
रमनिता ने पड़ोसी राज्य झारखंड के एक स्कूल से 10वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद पुरुलिया के स्कूल से बारहवीं की पढ़ाई की। इसके बाद झारखंड के एक कालेज से इतिहास में ग्रेजुएशन किया। शबर समुदाय से ग्रेजुएशन करने वाली पहली महिला होने के कारण पुरुलिया जिला प्रशासन की तरफ से उसके सिधु कान्हू बिरसा विश्वविद्यालय से इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन करने की व्यवस्था की गई। बेटी की इस सफलता से पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। उन्होंने कहा- ‘मेरी बेटी की जिद सफल हो गई। उसने हमारे समुदाय का मान बढ़ाया है।
शिक्षिका बनने का सपना
रमनिता शिक्षिका बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा- ‘मेरी बचपन से ही शिक्षिका बनने की इच्छा है। इसी सपने को पूरा करुंगी। आगे लंबी दूरी तय करनी है। पश्चिम बंगाल खेरिया शबर कल्याण समिति की तरफ से रमनिता की उपलब्धि पर उन्हें सम्मानित किया गया है। रमनिता इस समिति की सदस्या भी हैं। समिति ने कहा हमें रमनिता पर गर्व है।

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