शुभजिता स्वदेशी : कभी मंदिर के बाहर स्टॉल लगाते थे, सेंगोल ने चमका दी थी बंगारू ब्रदर्स की किस्मत

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देश के नए संसद भवन में सेंगेाल की स्थापना की जाएगी । इसे शासन की शक्ति का केंद्र माना जाता रहा है । संसद में उद्घाटन समारोह में यह सेंगोल स्पीकर की सीट के पास नजर आएगा । यह वही सेंगोल है जिसका निर्माण चेन्नई की ज्वैलरी कंपनी वुमुदी बंगारू ने किया था, जिसे लॉर्ड माउंबेटन ने 15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को सौंपा था । सेंगोल का निर्माण किया था इस कंपनी के संस्थापक वुमुदी बंगार चेट्टी के दोनों बेटों वुम्मिदी एथिराजुलु और वुम्मिदी सुधाकर ने, जिसने कंपनी की किस्मत ही बदल दी थी. इसे तैयार करने में 15 हजार रुपये का खर्च आया था.
120 साल पुरानी इस कंपनी की नींव वुमुदी बंगार चेट्टी ने रखी थी। बात 1900 की है । वैल्लौर जैसे छोटे से शहर में जन्मे बंगारू ने गहने बेचने की शुरुआत मंदिरों के बाहर स्टॉल्स से की थी । उस समय बंगारू के घर के पास दो मंदिर हुआ करते थे. पल्लिकोंडा पेरूमल और अम्मन। मंदिर के इर्द-गिर्द ऐसी बहुत दुकाने लगती थीं, जहां नाक-कान छेदे जाते थे । बंगारू यहीं ज्वैलरी के स्टॉल लगाते थे । महीने में 10 दिन यहां मेले का माहौल रहता था. बाकी 20 दिन वो गहने बनाने में व्यस्त रहते थे ।
यह वो समय था जब उनके पास कोई दुकान नहीं थी। वो एक बॉक्स में सामान रखकर मंदिर के आसपास बेचते थे. लेकिन गहनों के कारोबार की बहुत जानकारी नहीं थी, इसलिए उन्होंने मद्रास यानी चेन्नई आने का फैसला लिया । 1900 में उन्होंने जॉर्ज टाउन में पहली बार दुकान खोली । यह दुकान चल निकली । अगले 7 से 8 सालों में उन्होंने अपने नाम से ज्वैलरी बनाना शुरू किया और बेचने लगे । बंगारू यहीं नहीं रुके व्यापार बढ़ाने के लिए वो योजनाएं बनाने लगे ।
मद्रास ने बदल दी तकदीर
मद्रास में उन्होंने नाम कमाया । घर पर ही शोरूम और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तैयार की । 1940 में उन्होंने एनएससी रोड पर दुकान खोली और 1950 में पहला आधिकारिक ज्वैलरी स्टोर पणगल पार्क में खोला । उन्होंने ज्वैलरी शोरूम के लिए जो जगह तय की थी वो रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के करीब थी, यही वजह थी कि लोगों के लिए शोरूम तक पहुंचना आसान रहा।
यह शोरूम तेजी से प्रख्यात हुआ और एक के बाद एक शोरूम खुलने लगे. धीरे-धीरे कारोबार को व्यवस्थित करना शुरू किया गया. अलग-अलग डिपार्टमेंट तैयार किए जाने लगे । लोग क्या पसंद करते हैं और क्या नहीं, इसे समझना शुरू किया । मैटेरियल मैनेजमेंट, स्टाफ ट्रेनिंग और दूसरी जरूरी बातों को कारोबार को हिस्सा बनाया ।
बदलाव की रणनीति अपनाई
कंपनी ने हमेशा से ही कारोबार में अंतराष्ट्रीय मानकों को लागू किया. ज्वैलरी सर्टिफिकेशन से लेकर डायमंड की गारंटी तक की बात को कारोबार का हिस्सा बनाया । कंपनी ने इंटरनेशनल वर्ल्ड स्किल फोरम में 2019 में ज्वैलरी डिजाइनिंग में ब्रॉन्ज अवॉर्ड जीता ।
कंपनी ने समय-समय दुनिया के कई देशों में फैशन शो और दूसरे इवेंट्स में ब्रैंडिंग की । अपने ज्वैलरी कलेक्शन पेश किए । 2019 में बंगारू ज्वैलर्स ने लैक्मे इंडिया फैशन वीक के दौरान पहला प्लेटिनम कलेक्शन पेश किया, जिसके काफी पसंद किया । अब कंपनी एक बार फिर अपने सेंगोल के कारण चर्चा में है.
(स्त्रोत – टीवी 9 भारतवर्ष)

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