सन्मार्ग फाउंडेशन ने आयोजित किया 17वाँ ‘राम अवतार गुप्त हिंदी प्रोत्साहन 2022’

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कोलकाता । सन्मार्ग फाउंडेशन ने राम अवतार गुप्त हिंदी प्रोत्साहन 2022 के अपने 17वें संस्करण आयोजित किया। यह कार्यक्रम कोलकाता के जीडी बिड़ला सभाघर में आयोजित किया गया था। इस वर्ष सिलीगुड़ी और दक्षिण बंगाल संस्करण भी देखा गया। इस कार्यक्रम की मेजबानी प्रसिद्ध टेलीविजन कलाकार ऋत्विक धनजानी ने की। इसके साथ ही शहर भर के छात्रों के लिए रेवोल्यूशन बैंड द्वारा एक विशेष रॉक प्रदर्शन का आयोजन किया गया।
इस पुरस्कार समारोह में विभिन्न बोर्डों (सीआईएससीई, सीबीएसई और डब्ल्यूबी बोर्ड) के कुल 60 विद्यार्थियों  को सम्मानित किया गया। 3 बोर्ड- सीआईएससीई, सीबीएसई और पश्चिम बंगाल बोर्ड के 10 और 12 में से प्रत्येक के 12 टॉपर्स छात्र थे, जिनका चयन किया गया था। इनमें से प्रत्येक बोर्ड के पहले और दूसरे टॉपर्स को सन्मार्ग फाउंडेशन की ओर से छात्रवृत्ति दी गई। इस पुरस्कार समारोह में विभिन्न बोर्डों (सीआईएससीई, सीबीएसई और डब्ल्यूबी बोर्ड) के कुल 60 छात्रों को सम्मानित किया गया। 3 बोर्ड- सीआईएससीई, सीबीएसई और पश्चिम बंगाल बोर्ड के 10 और 12 में से प्रत्येक के 12 टॉपर्स विद्यार्थी थे, जिनका चयन किया गया था। इनमें से प्रत्येक बोर्ड के पहले और दूसरे टॉपर्स को सन्मार्ग फाउंडेशन की ओर से स्कॉलरशिप दी गयी। यह पुरस्कार 4 सर्वश्रेष्ठ टॉप शिक्षण संस्थानों, 6 सर्वश्रेष्ठ शिक्षक – शिक्षिकाएं और 4 कॉलेज टॉपर्स को भी दिया गया। राम अवतार गुप्त हिंदी प्रोत्साहन पूरे बंगाल में 5000 स्कूलों और देश भर में एक हजार से अधिक स्कूलों तक पहुंचता है जहां छात्र हिंदी में अपने स्कूल के प्रदर्शन, उनकी पाठ्येतर गतिविधियों और भाषा के प्रति उनकी व्यक्तिगत पहल के आधार पर आवेदन करते हैं। स्कूलों को उनके प्रदर्शन और इस भाषा में उनके द्वारा की गई पहल के लिए सम्मानित किया गया। इस वर्ष भी हमने मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया, जिन्होंने शारीरिक अक्षमताओं, मानसिक चुनौतियों, भावनात्मक बाधाओं या वित्तीय कठिनाइयों का सामना किया है। इसे अजय और अपराजय पुरस्कारों के तहत वर्गीकृत किया गया है।
सन्मार्ग फाउंडेशन की निदेशक रुचिका गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हिंदी देश की राजभाषा है और हमारे विनम्र प्रयास, ‘राम अवतार गुप्त हिंदी प्रोत्साहन’ के माध्यम से, हमारा लक्ष्य आज के युवाओं में इस महान भाषा के प्रति गर्व की भावना पैदा करना है। ”

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