सुनील देवड़े : जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स का गोल्ड मेडलिस्ट जिसने बनाया 21 फुट ऊंचा अशोक स्तंभ

नयी दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक या कहें अशोक स्तंभ की प्रतिमा का अनावरण किया। इसे बनाने में 100 से अधिक कामगारों की मेहनत और 9 महीने से अधिक का समय लगा। उच्च शुद्धता वाले कांस्य से बने भारत के राष्ट्रीय प्रतीक को स्थापित करना अपने आप में एक चुनौती थी क्योंकि यह जमीन से 33 मीटर ऊपर है। इन सबके बीच क्या आप यह जानते हैं कि इस राष्ट्रीय प्रतीक को डिजाइन करने के पीछे किसका हाथ है। लोगों के बीच इस प्रतिमा के सामने आने के बाद एख सवाल तेजी से उठ रहा है कि आखिर इतनी खूबसूरत प्रतिमा को बनाने के पीछे कौन है। तो आपको बता दें कि इसे महाराष्ट्र के औरंगाबाद के सुनील देवड़े और जयपुर के लक्ष्मण ने डिजाइन किया है।
कौन हैं सुनील देवड़े
राष्ट्रीय प्रतिमा को बनाने वाले 49 वर्षीय मूर्तिकार सुनील देवड़े जेजे स्कूल ऑफ ऑर्ट्स से गोल्ड मेडल की उपाधि पा चुके हैं। उनके पिता ने भी इसी कॉलेज से पढ़ाई की थी। इतना ही नहीं सुनील ने इसके अलावा अंजता एलोरा विजिटर सेंटर में अजंता एलोरा गुफाओं की रेप्लिकाएं भी बनाई हैं जिसका मूल्य 125 करोड़ बताया जाता है। इस रेप्लिकाओं को बनाने के पीछे का मकसद मूल अजंता एलोरा गुफाओं पर से दवाब कम करना था।
सुनील देवड़े और अशोक स्तंभ बनाने की कहानी
बकौल सुनील देवड़े कहते हैं कि इस बहुमूल्य कार्य को करने के लिए पूरे देश से मुझे चुना गया, इससे बडे़ सम्मान की बात और क्या हो सकती है। देवड़े ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें यह प्रेरणा अपने पिता से मिली है जो खुद पुरात्तव विभाग के रिस्टोरेशन डिपार्टमेंट में काम करते हैं। देवड़े ने अशोक स्तंभ बनाने के पीछे की कहानी बताते हुए कहा कि अशोक स्तंभ को बनाने के लिए हमें टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड का साथ मिला। टाटा प्रोजेक्ट्स ने इस बाबत पिछले साल एक सर्वे भी किया था। सर्वे के आधार पर उन्होंने मेरे अनुभवों के आधार पर मेरा चुनाव किया।
मूर्तिकार सुनील देवड़े ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय प्रतीक का क्ले बनाने में लगभग 5 महीने लग गए। इसके बाद सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट्स से संबंधित एक्सपर्ट्स ने इसका मूल्यांकन किया जिसके बाद यह आगे के लिए पास किया गया। देवड़े ने आगे कहा कि एक बार पास पास हो जाने के बाद मैंने इस स्तंभ का फाइबर मॉडल बनाया। इस मॉडल को लेकर मैं जयपुर गया जहां इसे कांस्य से कास्ट किया गया।
कितना विशाल है अशोक स्तंभ
अशोक स्तंभ की हाइट 21 फुट है जिसे 5 फुट के पेडेस्टल पर रखा गया है। केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कांस्य से बने इस प्रतीक की ऊंचाई 6.5 मीटर हैं और इसे सहारा देने वाले ढांचे समेत इसका वजन 16,000 किलोग्राम (9,500 किलोग्राम वजन का राष्ट्रीय प्रतीक और इसे सहारा देने वाला 6,500 किलोग्राम वजनी ढांचा) है। उन्होंने बताया कि यह प्रतीक उच्च गुणवत्ता वाले कांस्य से बनाया गया है और यह भारतीय कारीगरों द्वारा पूर्णतय: हस्तनिर्मित है। उन्होंने कहा, ‘सामग्री और शिल्प कौशल के दृष्टिकोण से भारत में कहीं और प्रतीक का इस प्रकार के चित्रण नहीं किया गया है।’

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।