कोरोना -19 को मात देकर विद्यार्थियों ने किया स्वाधीनता सेनानियों को नमन

 परिवार मिलन ने आभासी पटल पर आयोजित की 40वीं हिन्दी देशभक्ति गीत प्रतियोगिता
कोलकाता : कोविड -19 से उत्पन्न चुनौतियों के बीच भी देशभक्ति का रंग और भी निखर आया। परिवार मिलन द्वारा आयोजित 40वीं अन्तर्विद्यालय हिन्दी देश -भक्ति गीत प्रतियोगिता में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। राधाकिशन झुनझुनवाला चैरिटी ट्रस्ट के सौजन्य से आयोजित इस प्रतियोगिता में इस वर्ष 11 प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों की प्रतिभागिता रही। युवा प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से विभिन्न स्वतन्त्रता सेनानियों की गाथा सुरों में ढालकर सभी का मन मोह लिया। आभासी पटल पर आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व शिक्षामंत्री डॉ. रवीन्द्र शुक्ल ने एक तरफ जहाँ सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्द्धन किया इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अंग्रेज इतिहासकार भारत कभी नहीं आये थे और पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाने वाला इतिहास हमारा वास्तविक इतिहास नहीं है। अब इस इतिहास को बदलने की जरूरत है। परिवार मिलन द्वारा आयोजित इस हिन्दी देशभक्ति गीत प्रतियोगिता को उन्होंने नयी पीढ़ी में राष्ट्रीय चेतना भरने वाला अभिनव प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली के साथ इस तरह के आयोजन वर्तमान पीढ़ी को देशभक्ति का संस्कार दे कर उसे देश का जिम्मेदार नागरिक बना सकते हैं। प्रतियोगिता में इस बार प्रत्येक शिक्षण संस्थान को विषय स्वरूप स्वाधीनता सेनानियों के नाम दिये गये थे और इन पर भी प्रस्तुति करनी थी। प्रतिभागियों ने गीत के साथ सम्बन्धित स्वाधीनता सेनानी के जीवन की जानकारी स्लाइड्स और वीडियो के जरिए दी।

प्रतियोगिता आरम्भ होने के बाद संचालन और अगले प्रतिभागी का परिचय भी विद्यार्थियों ने ही दिया। प्रतियोगिता में बीडीएम इंटरनेशनल स्कूल (रामप्रसाद बिस्मिल) को प्रथम, लक्ष्मीपत सिंहानिया अकादमी (रानी लक्ष्मीबाई) को द्वितीय और हरियाणा विद्या मंदिर (शिवाजी) को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त श्री शिक्षायतन को वीर सावरकर द्वारा रचित मराठी गीत के लिए विशेष पुरस्कार दिया गया। अन्य प्रतिभागी शिक्षण संस्थानों में सैफी हॉल (पृथ्वीराज चौहान), मारवाड़ी बालिका विद्यालय (रानी दुर्गावती), द बी एस एस स्कूल (महाराणा प्रताप), अग्रसेन बालिका शिक्षा सदन (झाला मन्ना), एम. सी. केजरीवाल विद्यापीठ (कुँवर सिंह), राजस्थान विद्या मंदिर (मंगल पांडे) तथा बिड़ला हाई स्कूल (बिरसा मुंडा) शामिल थे और सभी ने सराहनीय प्रदर्शन किया। सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहनस्वरूप हर साल की तरह प्रतिभागिता स्मृति चिह्न, प्रमाणपत्र दिया गया। इस वर्ष स्वतन्त्रता के अमृत महोत्सव वर्ष प्रवेश पर सभी प्रतिभागियों को रजत स्मृति चिह्न भी दिया गया। प्रतियोगिता के निर्णायक का दायित्व डॉ. रेशमी पांडा मुखर्जी, वरिष्ठ शिक्षक बलवन्त सिंह और संगीत शिक्षिका कुमकुम भट्टाचार्य ने सम्भाला। स्वागत भाषण परिवार मिलन की अध्यक्ष दुर्गा व्यास ने दिया और कार्यक्रम का संचालन भारती अग्रवाल ने किया। निर्णय की घोषणा संस्था के प्रधान सचिव संदीप अग्रवाल ने की। धन्यवाद ज्ञापन संस्था के सहसचिव अजीत बच्छावत ने किया। कार्यक्रम में सभी माध्यमों से देश के विभिन्न प्रांतों से 200 से अधिक सुधि दर्शकों ने शामिल होकर छात्र – छात्राओं का उत्साहवर्द्धन किया। कार्यक्रम के प्रसारण की तकनीकी व्यवस्था को सुचारु रखने का दायित्व सिद्धांत चांदगोठिया तथा हर्ष टांटिया ने सम्भाला। कार्यक्रम को सफल बनाने में अरुण चूड़ीवाल, राजेन्द्र कानूनगो अमित मूंधड़ा, विनीता मणोत तथा अंजू गुप्ता ने विशेष योगदान दिया।

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