कोलकाता । बजाज हाउसिंग फाइनेंस का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 50,000 करोड़ रुपये के पार पहुँच गया है। कंपनी ने मार्च 2018 में एक स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करना शुरू किया था, और सिर्फ चार सालों के कारोबार के दौरान ही कंपनी ने यह उपलब्धि हासिल की। कारोबार के पहले साल, यानी वित्त-वर्ष 2019 में बजाज हाउसिंग फाइनैंस ने पहली उपलब्धि हासिल करते हुए, अपने एसेट अंडर मैनेजमेंट को 10,000 करोड़ रुपये तक पहुँचाने में सफलता प्राप्त की। अगले ही साल, कंपनी का एयूएम 25,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया, जो वित्त-वर्ष 2020 के अंत तक 32,705 करोड़ रुपये गया।
वित्त-वर्ष 2021 में बजाज हाउसिंग फाइनैंस ने 38,871 करोड़ रुपये का एयूएम दर्ज किया। उसी साल, कंपनी ने बाहरी बेंचमार्क (रेपो रेट) से जुड़े होम लोन के रूप में एक नई पहल की शुरुआत की हो – और इस तरह यह ग्राहकों को अपने होम लोन को बाहरी बेंचमार्क, यानी आरबीआई के रेपो रेट से लिंक करने का विकल्प देने वाली पहली हाउसिंग फाइनैंस कंपनी (एचएफएस) बन गई। हालांकि, आरबीआई के आदेशानुसार बैंकों के लिए अपने होम लोन को रेपो रेट जैसे बाहरी बेंचमार्क से लिंक करना अनिवार्य है, लेकिन एचएफसीएस अपने होम लोन को आंतरिक बेंचमार्क से जुड़े ब्याज़ दरों के साथ लिंक करने का विकल्प चुन सकते हैं, जिसे फ़्लोटिंग रेफरेंस रेट भी कहा जाता है।