भवानीपुर कॉलेज प्रांगण में ‘सरगम’

कोलकाता ।  भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के बत्तीस शिक्षक और शिक्षिकाओं ने सरगम कार्यक्रम के अंतर्गत देश भक्ति गीत प्रतियोगिता में भाग लिया। अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता में में साधारण, शब्द, गीत की पंक्तियाँ, धुन आदि राउंड दिए गए। आठ टीमें जिसमें आसाभरी, बिलावल, भैरव, भैरवी, काफी, कल्याण, खमाज, मारवा राग पर आधारित टीमें रहीं हैं। प्रत्येक टीम में चार शिक्षक और शिक्षिकाएंँ रहीं ।
सरगम अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता भवानीपुर कॉलेज के पोलिटिकल साइंस विभाग की विभागाध्यक्ष अमला ढांढनिया द्वारा आयोजित की गई। इस अवसर पर कॉलेज के टीआईसी डॉ सुभब्रत गंगोपाध्याय ने सभी को संबोधित करते हुए अन्त्याक्षरी के इतिहास पर प्रकाश डाला। प्रिन्सिपल डॉ पिंकी साहा सरदार और देवाजानी गांगुली, डॉ तथागत सेन और एजूकेशन, हिंदी, बांग्ला, गुजराती, समाजशास्त्र, इतिहास, अंग्रेजी, गणित मॉसकम्युनिकेशन, खेल और गैर शैक्षणिक विभाग आदि आर्ट्स के विभिन्न विभागों के सभी विभागाध्यक्ष और सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का प्रारंभ एजूकेशन विभागाध्यक्ष डॉ रेखा नारिवाल के देश भक्ति गीत ‘सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा’ से हुआ। प्रातःकालीन सत्र के शिक्षक प्रो नितिन चतुर्वेदी ने गिटार बजाया। बांग्ला और हिंदी के देशभक्ति गीतों को सभी प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता की शुरुआत हुई गीत आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिन्दुस्तान की इस मिट्टी को तिलक करें यह धरती है बलिदान की के साथ। अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता में राग मारवा टीम ने सबसे अधिक अंक प्राप्त किए। राग काफी टीम द्वितीय स्थान पर रही और खमाज तृतीय स्थान पर रही । कार्यक्रम का संचालन किया डॉ वसुंधरा मिश्र (हिंदी विभाग) ,प्रो तृषा चटर्जी (पोलिटिकल साइंस) , प्रो सोहिनी चट्टोपाध्याय (पोलिटिकल साइंस) और प्रो स्तुति चक्रवर्ती (समाजशास्त्र) ने। धन्यवाद ज्ञापन दिया अमला ढांढनिया ने। जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

 एन एक्ट के विद्यार्थियों ने आयोजित की थियेटर कार्यशाला 

भवानीपुर कॉलेज के एन एक्ट कलेक्टिव ने गत 14 मार्च 2023 को प्लेसमेंट हॉल में कार्यशाला का आयोजन किया।कार्यशाला का संचालन किया पेशेवर नाट्यविद् अप्रतिम चटर्जी (वर्तमान में कलर्स बांग्ला पर फेरी सोम धारावाहिक में काम कर रहे हैं) और पलाश चतुर्वेदी। कार्यशाला के दौरान, प्रतिभागियों ने अभिनय, निर्देशन, रंगमंच, और बहुत कुछ सहित रंगमंच के विभिन्न पहलुओं को सिखने के अवसर का आनंद लिया। कार्यशाला की शुरुआत रिलैक्सेशन एक्सरसाइज से हुई, जिससे सभी को अपनी ऊर्जा को सही दिशा देने में मदद मिली। रंगमंच के बारे में एक संक्षिप्त परिचय श्री अप्रतिम चटर्जी द्वारा दिया गया, जिन्होंने एक मॉक सीन तैयार किया, जहां छात्रों ने ऑस्कर नामांकित व्यक्ति के रूप में अभिनय किया और अपने विजयी भाषण दिए। इसके बाद छात्रों को रिवर्स इंजीनियरिंग की जानकारी दी गई। छात्रों द्वारा अपनी ऊर्जा को बढ़ाने और अपनी मुखर क्षमता को बढ़ाने के लिए कुछ वार्म-अप अभ्यासों का अभ्यास किया गया। इन अभ्यासों ने विद्यार्थियों को रिवर्स इंजीनियरिंग की अवधारणा को समझने में मदद की।
छात्रों को समूहों में विभाजित किया गया और प्रत्येक समूह को एक दृश्य तैयार करने और एक तस्वीर के रूप में प्रस्तुत करने के लिए पांच मिनट का समय दिया गया। सभी छात्रों को एक स्थान पर रहते हुए अभिनय करने के लिए कहा गया और कुछ सेकंड के लिए उसी स्थिति में रखा गया। इस बीच, अन्य समूह अनुमान लगा रहे थे कि वे दर्शकों को किस चित्र का चित्रण कर रहे हैं। उसके बाद, जिस समूह ने दृश्य प्रस्तुत किया, उसके बाद वह बता दिया कि वे अपने कार्यों के माध्यम से क्या दिखाना चाहते हैं। अंत में, पटकथा लेखन, अभिनय और निर्देशन में रुचि रखने वाले छात्रों को ऐसे निपुण नाट्यशास्त्रियों के साथ बातचीत करके पहला अनुभव प्राप्त करने के बाद शॉर्टलिस्ट किया गया, जिन्होंने उनकी नाट्य सफलता का मार्ग प्रशस्त किया। रचनात्मकता, प्रयोग, शारीरिक प्रशिक्षण, टीम वर्क और थिएटर की मूल बातें समझते हुए आत्म-खोज के माध्यम से संपूर्ण उत्पादन के निर्माण का पता लगाने के लिए एनेक्ट कलेक्टिव द्वारा की गई यह एक महत्वपूर्ण पहल रही।वर्कशॉप की रिपोर्ट बीए सेमेस्टर कशिश शॉ ने दी और जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

भवानीपुर कॉलेज में खो खो प्रतियोगिता 

भवानीपुर कॉलेज के विद्यार्थियों ने खो-खो प्रतियोगिता का आयोजन गत 21 व  22 फरवरी 2023 को कॉलेज टर्फ में सुबह किया गया। उद्घाटन समारोह के लिए छात्र मामलों के डीन प्रो दिलीप शाह ने एक संक्षिप्त भाषण दिया, जहां उन्होंने प्रतिभागियों को इस प्रतियोगिता में भाग लेने और इस खेल को खेलने की परंपरा को जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।विशेषज्ञों का मानना ​​है कि खो खो की उत्पत्ति भारत के महाराष्ट्र क्षेत्र में हुई थी और प्राचीन काल में इसे रथों पर बजाया जाता था और इसे राठेरा कहा जाता था, राथेरा एक रथ का हिंदी अनुवाद है।
बालिका वर्ग के लिए, कुल 4 टीमें थीं, और प्रत्येक टीम में एक स्थानापन्न सहित 9 खिलाड़ी शामिल थे। किसी अन्य लीग सिमुलेशन की तरह सभी टीमें एक-दूसरे के खिलाफ गईं। प्रतिभागियों के उत्साह को देख दर्शक पूरी तरह से झूम उठे। खो खो जैसे खेल में टीमवर्क जरूरी है क्योंकि तभी वे हार को मजबूती से गले लगा सकते हैं और चैंपियनशिप जीत सकते हैं। सेमीफाइनल नाइट्स और थॉमसिना के बीच था, जिसमें थॉमसिना विजयी हुई। फिर फाइनल थॉमसिना और वॉरियर्स के बीच हुआ। थॉमासिना हमलावर पक्ष में थी और वे केवल 8 अंक ही ले पाए जबकि वॉरियर्स ने हमला किया और केवल 3 मिनट में 9 लोगों को ले कर खेल समाप्त कर दिया। यह 20 मिनट का खेल था, प्रति आधा 10 मिनट।
चैंपियनशिप एक पूर्ण जीत थी और प्रो दिलीप शाह को छात्रों के बीच खेल भावना को प्रोत्साहित करने के उनके निरंतर प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया गया।इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने और रिपोर्ट सहयोगी रहे अक्षत कोठारी।

इंट्रा बास्केटबाल टूर्नामेंट 2023 सम्पन्न

भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज ने गत 23 फरवरी 2023 को  कॉलेज टर्फ में इंट्रा कॉलेज बास्केटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया। इस लीग में 18 टीमों ने भाग लिया। 1891 में आविष्कृत बास्केटबॉल वर्तमान समय में सबसे अधिक खेले जाने वाले खेलों में से एक बन गया है। आज यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी खेला जा रहा है क्योंकि यह एनबीए जैसी विभिन्न लीगों का हिस्सा बन गया है।

लीग में सभी में 9 मैच थे और फाइनल और सेमीफाइनल तक गए। जो टीम अधिकांश रैंक जीतने में सफल रही, वह ‘स्ट्रेंजर बॉयज़’ थी और उसे टूर्नामेंट का विजेता घोषित किया गया। उन्होंने एथलेटिक प्रतियोगिता में सेमी-फाइनल में ‘एली ऑप्स’ टीम के खिलाफ मुकाबला किया। लीग के लड़कियों के वर्ग में, सेमीफाइनल ‘कॉन्करर्स’ और ‘नेट रिपर्स’ टीमों के बीच खेला गया, जिसमें से ‘कॉन्करर्स’ ने मैच जीता।

इन सभी मैचों को देखना एक रोमांचकारी अनुभव था, क्योंकि कुछ मैचों में गति में लगातार परिवर्तन हुआ, जिसने दर्शकों को बांधे रखा। प्रीमियर लीग का मुख्य आकर्षण प्रत्येक टीम के कप्तानों और उनके प्रतिभागियों द्वारा प्रदर्शित टीम भावना की उच्च भावना थी।

टूर्नामेंट का श्रेय छात्र मामलों के डीन प्रोफेसर दिलीप शाह को जाता है, जिनकी प्रेरणा से एथलेटिक्स में छात्रों को शामिल किया गया।डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि टूर्नामेंट को सफल बनाने में मदद करने वाले छात्र स्वयंसेवक थे – अमन दुबे, समर्थ श्रीवास्तव, आभास राजवंश, पवनजोत सिंह, हर्ष पटेल, उत्कर्ष आनंद, झलक शाह, मेघाली सेनगुप्ता, अभिषेक शाह और आयुष तिवारी।

 विद्यार्थियों ने किया रेड बुल डूडल कला का प्रदर्शन

भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के विद्यार्थियों ने रेड बुल डूडल आर्ट का प्रदर्शन किया जो रेड बुल की एक नयी पहल थी। जहां विद्यार्थियों को कला और तकनीक से युक्त रचनात्मक डूडलर्स के लिए नए अवसर मिले। 20 फरवरी 2023 को भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज में 50 से अधिक छात्रों ने कल्पनाशील डूडल के माध्यम से अपने दिमाग का इस्तेमाल कर कल्पनाओं की उड़ान भर नए नए रचनात्मक कार्यों में भाग लिया। प्रतियोगिता के लिए उन्हें डूडल आर्ट पेपर दिए गए, जिस पर उन्होंने अपने विचारों द्वारा डूडल बनाया और अपना आवेदन ऑनलाइन जमा किया। कॉलेज के दो बेहद प्रतिभाशाली डूडल कलाकारों, दिशानु साहा और स्वागतो मुखर्जी ने व्हाइटबोर्ड पर लुभावने डूडल बनाए। इस आयोजन की विशेषता यह थी कि इस रेड बुल डूडल आर्ट एक्टिवेशन में भाग लेने वाले 60 देशों में से प्रत्येक के एक विजेता को मई के महीने में एम्स्टर्डम में विश्व के अंतिम दिन ब्लॉकचेन पर अपना डूडल लाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि यह कार्यक्रम नेहल मेहता द्वारा आयोजित किया गया।

 

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