विप्रो और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने दिए कोरोनावायरस संकट से निपटने के लिए 1,125 करोड़ रुपये

नोएडा : विप्रो लिमिटेड, विप्रो एंटरप्राइजेज लिमिटेड और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से कोरोनावायरस संकट से निपटने के लिए 1,125 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता जताई। कंपनी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि इस राशि से चिकित्सा व सेवा के काम में अगली कतार में लगे लोगों को और समाज पर और खासतौर से सबसे कमजोर तबके के लोगों पर कोरोनावायरस के असर को दूर करने में मदद पहुँचाई जाएगी। कुल 1,125 करोड़ रुपये में से विप्रो लिमिटेड ने 100 करोड़ रुपये, विप्रो एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 25 करोड़ रुपये और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने 1,000 करोड़ रुपये का योगदान किया है।
विप्रो के सीएसआर खर्च से अलग है यह राशि
बयान में कहा गया है कि यह राशि विप्रो की सालाना कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) गतिविधियों और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की फिलांथ्रोपिक गतिविधियों पर होने वाले खर्च से अलग है। इस राशि से निश्चित इलाके में वायरस से उपजी समस्या से जूझ रहे लोगों को सहायता पहुँचाई जाएगी और स्वास्थ्य क्षमता का विस्तार किया जाएगा, जिसमें कोरोवायरस महामारी की रोकथाम और इससे संक्रमित लोगों का इलाज भी शामिल है। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के प्रवक्ता ने कहा कि आधुनिक वैश्विक समाज ने इस संकट का सामना नहीं किया है। हमें इस संकट से निपटने के लिए और विशेष रूप से वंचित लोगों पर इसके मानव प्रभाव को कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। फाउंडेशन की 1,600 सदस्यीय टीम देशभर में 350 मजबूत सिविल सोसाइटी साझेदारों के साथ मिलकर सरकारी संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित करेगी ताकि लोगों को मदद मुहैया कराने के लिए धन का उपयोग किया जा सके। इस प्रयास में विप्रो की तकनीकी दक्षता, सोर्सिंग प्रणाली, इन्फ्रास्ट्रक्चर और वितरण रीच का पूरी तरह से उपयोग किया जाएगा।

कई कम्पनियां आर्थिक मदद करने के लिए आगे आईं

कोरोनावायरस का मुकाबला करने में सरकार को और आम लोगों को मदद पहुंचाने के लिए कई कंपनियां आगे आई हैं।
टाटा ट्र्रस्ट्स और टाटा समूह ने संयुक्त रूप से सर्वाधिक 1,500 करोड़ रुपए खर्च करने का वादा किया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी ने प्रधानमंत्री के कोविड-19 कोष में 500 करोड़ रुपये अतिरिक्त देने की प्रतिबद्धता जताई है। इससे पहले उन्होंने भारत के पहले कोरोनावायरस अस्तपताल, जरूरत मंदों को भोजन और आपात वाहनों के लिए ईंधन पर भी खर्च करने का वादा किया है।
इन्फोसिस फाउंडेशन ने 100 करोड़ रुपए की प्रतिबद्धता जताई है।
दक्षिण कोरिया की कंपनी सैमसंग और एलजी ने कहा है कि वे भारत में स्थानीय निकायों को मदद करेंगी, उन्हें बचाव कि और इन्फ्रारेड थर्मामीटर देंगी और अस्पतालों को उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु देंगी।
पेटीएम, फोनपे, अमेजन पे व अन्य डिजिटल भुगतान कंपनियों ने भी उपयोगकर्ताओं से पीएम फंड में योगदान करने का अनुरोध किया है और कहा है कि आम उपयोगकर्ता की मदद के साथ वे भी फंड में कुछ योगदान करेंगी।
कई अन्य कंपनियों भी मदद में आगे आई हैं।

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