हिन्द की तुम बेटी हो

– शुभम हिन्दुस्तानी,
गाजीपुर, उ.प्र.

अपनी हिम्मत को टंकार दो
वक्त को ललकार दो
हिन्द की तुम बेटी हो
वक्त को पछाड़ दो,

खुद को पहचान लो
बल को अपने धार दो
मुसीबतों को दो जवाब खरा
आत्मविश्वास, परिश्रम से
तुम हार को हरा दो।

नभ में अपनी जीत का
झण्डा तुम फहरा दो
हिन्द की तुम बेटी हो
अपनी जीत धरा पर
अपने तिरंगे को फहरा दो।।

 

क्या होती हैं बेटियाँ

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माँ बाप की शान होती हैं बेटियाँ
विपत्ति ही नहीं, हर समय
ईश्वर का वरदान होती हैं बेटियाँ
अन्धकार में जाड़े की घाम होती हैं बेटियाँ।।

कभी माँ, कभी बेटी. कभी बहू
हर रूप में घर की शान होती हैं बेटियाँ
माँ के रूप में संतान के लिए,
जेठ में शीतल छांव होती हैं बेटियाँ

बहू के रूप में एक नहीं
दो – दो घरों की शान होती हैं बेटियाँ
इस स्वार्थी संसार में
करुणा का वरदान होती हैं बेटियाँ

इतनी महान होकर भी
इस स्वार्थी संसार में
कुर्बान होती हैं बेटियाँ
मत मारो गर्भ में इनको
संसार की उत्पत्ति का आधार होती हैं बेटियाँ

कभी दुर्गा, कभी चामुंडा की
अवतार होती हैं बेटियाँ
समाज में इनकी हालत देखकर
फिर कहता हूँ, मत मारो इन्हें
बहुत महान होती हैं बेटियाँ।।

 

 

 

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