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मैं भटका पलायन करने लगा घर छोड़ हवा में उडा़ एक और घर बनाया घर
सिद्धि जैन महादेवी बिड़ला शिशु विहार में कक्षा 8 की छात्रा हैं। यह कविता स्वरचित
कोलकाता । देश में सांस्कृतिक विविधता और अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में कोलकाता का
वाराणसी । दि कलाई फेस्टिवल 2.0 द्वारा आयोजित प्रदर्शनी कला और क्राफ्ट का समन्वय है
दिसम्बर का महीना देश को बड़ा सदमा दे गया। एक दुर्भाग्यजनक हादसे में देश के
बाल दिवस पर आभासी पटल पर आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों ने उत्साह के साथ
छठ मतलब एक ऐसा पर्व जिसमें सभी भेदभाव समाप्त हो जाते हैं, हर घर से
कोलकाता में रंगमंच के लिये अपनी पूरी ज़िंदगी समर्पित करने वाले उसी ‘रंग-व्यक्तित्व’ स्व.अज़हर आलम
उत्तर कोलकाता के बड़ाबाजार में बहुत से मंदिर हैं और बहुत से मंदिर ऐतिहासिक भी
धनतेरस और दिवाली का बाजार गुलजार है। मंदी की शिकायत करते हुए व्यवसायियों से भी