आजादी के बाद पहली बार असम के चाय बागानों में खुला पहला स्कूल

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97 स्कूलों में शुरू हुई पढ़ाई
गुवाहाटी । असम सरकार की घोषणा के बाद मंगलवार को चाय बागानों का पहला हाई स्कूल खुला। भारत की आजादी के 75 सालों में यह पहला ऐसा मौका रहा जब असम के चाय बागानों को पहला स्कूल मिला । इसे असम सरकार का एक ऐतिहासिक फैसला माना जा रहा है। राज्य सरकार के मुताबिक, बागानों में कुल 119 स्कूल खुलेंगे, जिसमें 97 हाई स्कूल 10 मई को अपना पहला शैक्षणिक सत्र शुरू कर चुके हैं।
बाकी 22 स्कूल का निर्माण अलग-अलग चरणों में किया जा रहा है। उम्मीद है कि अगले साल 2023 तक इन स्कूलों में भी पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
200 चाय बागानों में 119 स्कूल खोलने का प्रस्ताव
2017-18 के राज्य बजट में असम सरकार ने 200 चाय बागानों में 119 हाई स्कूल खोलने का प्रस्ताव रखा था। एक न्यूज वेबसाइट के अनुसार, साल 2020 में असम सरकार ने स्कूलों के लिए प्राइमरी डेवलपमेंट फंड की स्थापना की थी। इसके लिए पीडब्ल्यूडी को स्कूलों के निर्माण के लिए कुल 142.50 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था। इसमें प्रत्येक स्कूलों को 1.19 करोड़ रुपये का काम सौंपा गया था।
बागानों में काम करने वाले 80% बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित
प्लांटेशन लेबर एक्ट-1951 के अनुसार, चाय बागानों के प्रबन्धन की यह जिम्मेदारी है कि वह 6 से 12 साल की उम्र के बच्चों को लोअर प्राइमरी एजुकेशन (कक्षा 1-5 तक) दी जाए, लेकिन मैनेजमेंट का इस पर काफी ढ़ीला रवैया है। असम स्टेट चाइल्ड राइट प्रोटेक्शन सिस्टम ( एएसपीसीआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा के अधिकार से वंचित हो रहे कम से कम 80% बच्चों से अवैध तरीके से चाय बागानों में काम कराए जा रहे हैं।
असम सरकार की हर विधानसभा क्षेत्र में स्कूल खोलने की योजना
पिछले महीने मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार स्कूलों के छात्रों को मिड डे मिल के अलावा सुबह का नाश्ता उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाय बागान के क्षेत्रों में 81 मॉडल हाई स्कूल स्थापित करने जा रही है और इन्हें हायर सेकेंडरी लेवल तक अपग्रेड किया जाएगा। सरमा ने कहा था कि राज्य सरकार इसे देश के बाकी हिस्सों के लिए एक सफल मॉडल के रूप में विकसित करना चाहती है। सीएम के मुताबिक, सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मॉडल स्कूल स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है।

 

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