आदर्श, भावना एवं यथार्थ की त्रिवेणी रचती हैं पुस्तकें – अजयेन्द्र त्रिवेदी

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चित्र परिचय: कार्यक्रम में अध्यक्षीय वक्तव्य रखते हुए अजयेन्द्र नाथ त्रिवेदी। अन्य मंचस्थ हैं (बाएं से) डॉ कमल कुमार, महावीर बजाज, नंदलाल रौशन, रामनाथ बेखबर एवं सरोज कौशिक।

कोलकाता। ‘ पुस्तकें आदर्श, यथार्थ एवं भावना की त्रिवेणी रचती हैं। यह भी एक सुखद संयोग रहा कि इस कार्यक्रम में रचनाकार, समीक्षक और पाठक तीनों वर्ग मौजूद हैं जो अपने आप में एक स्वर्णिम त्रिभुज का सृजन कर रहा है। सरोज कौशिक की पुस्तक ‘ पूर्णमिदं ‘ को आदर्श के उच्चतम शिखर पर देखा गया , तो नन्दलाल रौशन की पुस्तक ‘हक में हैं खामोशियाँ ‘ भावनाओं की आकाश गंगा आलोड़ित करती सी नज़र आई और रामनाथ बेख़बर की पुस्तक ‘ ख्वाहिश ‘ की रचनायें यथार्थ की पुष्ट जमीन पर खड़ी हो संघर्ष की विजय गाथा का आह्वान कर रही है। ‘–ये उद्गार हैं विशिष्ट साहित्यसेवी श्री अजयेन्द्र नाथ त्रिवेदी के, जो आज श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा आयोजित एक शाम किताबों के नाम के द्वितीय आयोजन में बतौर अध्यक्ष बोल रहे थे।
इस कार्यक्रम में नंदलाल रौशन की कृति ‘ हक में हैं खामोशियॉं ‘,सरोज कौशिक की ‘ पूर्णमिदम् ‘ एवं  रामनाथ बेखबर की ‘ ख्वाहिश ‘ पर विशेष चर्चा हुई। लेखकीय वक्तव्य के पश्चात समीक्षात्मक टिप्पणी डॉ अभिलाषा पांडेय, दुर्गा व्यास, परमजीत पंडित एवं ऋतु डागा ने की।
कार्यक्रम के शुरुआत में कुमारसभा के अध्यक्ष महावीर बजाज ने इस कार्यक्रम की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘परम्परा लुप्त न हो तथा हम अपनी जड़ों से जुड़े रहें ‘ के भाव से यह आयोजन प्रारंभ किया गया। यह महानगर के लेखकों के लिए चर्चा का खुला मंच होगा। पुस्तकों के पठन-पाठन के लिए इससे एक जागरूकता का सृजन होगा।
कार्यक्रम का प्रारंभ श्री उदय यादव ने ‘देश हमें देता है सब-कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें ‘ गीत के सस्वर पाठ से किया। कार्यक्रम का संचालन किया डॉ कमल कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन किया कुमारसभा के मंत्री बशीधर शर्मा ने। सर्वश्री डॉ ऋषिकेश राय, अजय चौबे, नंदकुमार लढा, श्रीमोहन तिवारी, श्रीमती दिव्या प्रसाद एवं श्रीमती गायत्री बजाज ने अतिथियों का स्वागत किया। इस साहित्यिक गोष्ठी में महानगर के कई गणमान्य साहित्यकार एवं विद्वतजन तथा साहित्यप्रेमी सम्मिलित हुए जिन्होंने इस सारस्वत आयोजन की सराहना की।
गोष्ठी में रेणु गौरीसरिया, सुधा जैन, रेखा ड्रोलिया, डॉ सत्यप्रकाश तिवारी, ज्ञान प्रकाश पाण्डेय, जीवनसिंह, संजय मंडल, सीताराम तिवारी, अजय सराफ, अशोक सोनकर, अरविंद तिवारी, मनोज काकड़ा,डॉ आर एस मिश्रा, आदित्य बिनानी, भागीरथ सारस्वत, गुड्डू दूबे, अरुण सोनी, जसवंत सिंह, सुषमा त्रिपाठी, अनिल उपाध्याय, विनोद यादव, बृजेन्द्र पटेल, शनि चौहान, श्रीप्रकाश गुप्त, रुद्रकांत झा, नितिश सिंह, चंद्र कुमार जैन, रानी टांटी, विवेक तिवारी प्रभृति विशेष रूप से उपस्थित थे।

 

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