आभासी दुनिया की चकाचौंध में सच्चे प्रेम को परिभाषित करता है उपन्यास ‘रियल गर्लफ्रेंड’

कोलकाता : अन्तरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में 7 फरवरी 2020 को पत्रकार अनवर हुसैन के पहले उपन्यास ‘रियल गर्लफ्रेंड’ का लोकार्पण वाणी प्रकाशन के स्टॉल – 414 पर किया गया। इस अवसर पर एक परिचर्चा भी आयोजित की गयी जिसमें वक्ताओं ने सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के बीच युवाओं और उपन्यास में उनके चित्रण पर अपनी बात रखी। उपन्यास पैरोकार पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित किया गया है और इसका लोकार्पण पैरोकार पब्लिकेशन की ओर से रोयजादा खातून ने किया। इस अवसर पर पुस्तक पर विचार रखते हुए श्रीश चन्द्र कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. कार्तिक चौधरी ने कहा कि जीवन में गतिशील होना जरूरी है लेकिन गतिशीलता ही जीवन हो, ऐसा जरूरी नहीं। कभी -कभी ठहराव सकारात्मकता को भी व्यक्त करता है। यह सकारात्मक सोच ही अनवर हुसैन के उपन्यास ‘रियल गर्लफ्रेंड’ में है। उपन्यास समाज शास्त्रीय अध्ययन के भी करीब है। लेखक ने आज के समय के असन्तोष, निराशा, खीज को प्रेम के माध्यम से व्यक्त करने का प्रयास किया है। इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार कपिल आर्य तथा वरिष्ठ पत्रकार रामाशीष ने भी उपन्यासकार अनवर हुसैन को शुभकामनाएँ दीं और उम्मीद जतायी कि उपन्यास अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचेगा। । लेखकीय वक्तव्य रखते हुए अनवर हुसैन ने कहा. ‘स्मार्ट फोन और डिजिटल के दौर में जहां एक क्लिक में रिश्ते बनते और बिगड़ते हैं वहां प्रेम भी इससे अछूता नहीं है । ऐसे नाजुक क्षण में सच्चे प्रेम के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए मेरा उपन्यास नयी पीढ़ी खासकर युवक युवतियों को जीवन का नया संदेश देता है और प्रेम की चाह में भटकने वालों को सही मार्ग भी दिखाता है । आज के दौर में हर व्यक्ति किसी न किसी मानसिक समस्या से परेशान है। ऐसी स्थिति में युवक- युवतियां अवसादग्रस्त होकर पथ से भटक जाते हैं और उनका जीवन अंततः अंधकारमय हो जाता है। उपन्यास में ऐसी स्थिति से निजात पाने के लिए पात्रों खासकर नायक नायिका के आंतरिक अंतर्द्वद्व के परिप्रेक्ष्य में सलाह भी दी गयी है।  पार्वती शॉ ने उपन्यास के कुछ अंश पढ़े। उपन्यास के बारे में पूर्व टीवी पत्रकार सादिया अजीम, पूजा गौतम, महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में क्षेत्रीय केंद्र कोलकाता के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार, विद्यासागर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद आसिफ आलम और अन्य विशिष्ट लोगों ने ने भी अपने विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन वाणी प्रकाशन की ओर से चन्दन चौधरी ने दिया।

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