आरबीसी कॉलेज ने आयोजित की भारतेंदु जयन्ती

0
135

नैहाटी। बंगला नवजागरण के अग्रदूत ऋषि बंकिम चंद्र चटर्जी की जन्मस्थली पर अवस्थित ऋषि बंकिम चंद्र सांध्य कॉलेज के हिंदी विभाग की ओर से हिंदी नवजागरण के पुरोधा भारतेन्दु हरिश्चंद्र की जयंती पर एक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ देवाशीष भौमिक ने कहा कि आर. बी. सी. सांध्य कॉलेज का हिंदी विभाग कॉलेज का सबसे सक्रिय एवं सांस्कृतिक रूप में समृद्ध विभाग है। यह विभाग नियमित रूप से ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों को साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्कार से जोड़ता है। बतौर अतिथि वक्ता डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि भारतेंदु आधुनिक भारत के लेखक ही नहीं भविष्य दृष्टा भी हैं। वे ‘अंधेर नगरी’ में लोभ और भोग की प्रवृत्ति से मुक्ति को बात करते हैं। उन्होंने ‘फूट और बैर’ को भारत का मेवा कहा। उनका यह कथन आज भी प्रासंगिक है। भारतेंदु के लगभग 150 वर्ष बाद भी आज भारतीय समाज फूट और बैर से मुक्त नहीं हो पाया है। उस समय अंग्रेज इसको औजार की तरह इस्तेमाल करते थे और आज सत्ता को दीर्घायु बनाने के लिए सरकारें, धर्माचार्य, पूंजीपति और बाजार कर रहे हैं। विभाग की अध्यक्ष डॉ कलावती कुमारी ने ‘अंधेर नगरी’ का जिक्र करते हुए कहा कि भारतेन्दु जितना औपनिवेशिक शासन का विरोध करते हैं उतना ही सामंती और अराजक व्यवस्था का विरोध करते हैं। अंधेर नगरी में राजा ही सारा सुख एवं सुविधा लेना चाहता है, इसलिए वह अज्ञानतावश बैकुंठ में भी खुद ही जाना चाहता है। भारतेंदु ने अंधेर नगरी के कुशासन को बेपर्दा करने का नैतिक साहस दिखलाया है। प्रो. जयप्रकाश साव ने कहा कि भारतेंदु ने हमें साहित्य की आधुनिक विद्याओं से परिचित करवाया। उनकी रचनाओं में जीवन की असंख्य छवियां हैं। डॉ. आनंद श्रीवास्तव ने कबीर के गीतों का गान किया और ज्ञान, प्रेम और सृजन के योग को जीवन का आधार बताया। भारतेंदु में कबीर की छाया देखी जा सकती है। इस अवसर पर विभाग के छठवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए विदाई एवं सर्वाधिक अंक पाने वाले विद्यार्थी अनिल दास, हर्ष साव, काजल हरिजन, चंदन भगत और दीपांशु साव को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफल बनाने में विभाग के विद्यार्थियों का विशेष सहयोग रहा।

Previous articleमीठी बतियां
Next articleविद्यासागर विश्वविद्यालय में हिन्दी दिवस समारोह
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

one × 2 =