इश्क है तो जताना भी जरूरी है

इश्क करना कोई इनसे सीखे…    तू मुझ से दूर कैसी है, मैं तुझसे दूर कैसा हूं, यह तेरा दिल समझता है और.. यह मेरा दिल समझता है … यह लाइनें कवि कुमार विश्वास की हैं जो कि पूर्णत: सच्चाई को बयां करती हैं। वाकई में दो प्यार करने वाले लोग ही दूरियां, तड़प और बेचैनी को समझ सकते हैं। अगर दिल में मोहब्बत हो तो साथी की बुरी बात भी अच्छी लगती है। 14 फरवरी को हम संत वैलेंनटाइन के नाम पर मनाते हैं। वो वैलेंनटाइन जिन्होंने प्यार करने वालों को एक करने के लिए अपनी जान दे दी। प्यार एक खूबसूरत एहसास है, बेहतर यही है कि इसे सिर्फ आप रूह से महसूस करें, तभी आप प्यार का आनंद ले पायेंगे। लेकिन आज की दौड़ती-भागती जिंदगी में आदमी के पास समय छोड़कर बाकी सब कुछ हैं। यूं तो प्यार करने और जताने के लिए किसी खास दिन की जरूरत नहीं लेकिन भागती हुई जिंदगी के लिए ही आज का दिन मोहब्बत के नाम कर दिया गया। अक्सर पति-पत्नी को कहते हुए सुना जाता है कि शादी के पहले तो तुम्हारे लिए हम ही खास थे लेकिन शादी के बाद हमें छोड़कर बाकी सब खास हो गये हैं। इसलिए वेलेंटाइन डे हो या फिर कुछ और हमें फर्क नहीं पडता है। प्यार-व्यार सब बकवास है। तो दोस्तो जरा सोचिए कि ऐसा क्यों होता है? वो प्यार कहां खो गया, क्या जिम्मेदारियों के बोझ के आगे मुहब्बत कुर्बान हो गयी। आखिर आप जिनके लिए रात-दिन पैसे कमा रहे हैं, व्यस्त हैं वो आपका प्यार ही तो है। माना की प्यार को किसी परिचय और प्रमाण की जरूरत नहीं लेकिन कभी-कभी इसे जताना पड़ता है ताकि अगले को भी एहसास हो कि आप आज भी उन्हीं के हैं। आज के दिन आप अपने मीठे पलों को याद कीजिये। जरा सोचिए अगर आपकी मुहब्बत आपके पास नहीं हैं फिर भी आप उसी के बारे में सोचते हैं, मोबाइल पर ना चाहते हुए भी आप उसी का नंबर डायल कर देते हैं, बिजी होने के बावजूद जिस टाइम वो घर आती है या आता है तो खुद ब खुद घड़ी की सुईयों पर आपकी नजर चली जाती है। तो अगर यह सब वाकई में आपके साथ हो रहा है तो समझिये आपका एहसास कहीं खत्म नहीं हुआ है वो तो आपके जहन में आज भी जवां है। जिसे आप आज के दिन फिर से अपने प्यार के आगे प्रकट कर सकते हैं। यकीन मानिये आपको दोबारा से ‘आईलवयू’ कहने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आपका आज का दिन आपकी जिंदगी का बेस्ट दिन बन जायेगा।

 

शुभजिता

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