एमसीसीआई में जेम, ट्रेड्स, उद्यम पंजीकरण पर कार्यशाला

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कोलकाता । मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने जीईएम, टीआरईडीएस और उद्यम पंजीकरण पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मार्वल इन्फोकॉम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नितिन जैन ने उन अवसरों के बारे में बताया जो जीईएम प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि 54,000 सरकारी विभाग हैं जो जेम में पंजीकृत हैं और खरीदार और विक्रेता दोनों बिना किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के अपना सौदा पूरा कर सकते हैं । आज की तारीख में जीईएम के 55 लाख पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं और खरीद आदेश पर तत्काल वित्तपोषण की सुविधा थी, जिसे जीईएम सहाय एप्लिकेशन के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।” जेम ने वितरण सेवाओं के लिए भारतीय डाक के साथ सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 22 में जेम प्लेटफॉर्म के माध्यम से 1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया गया है और वित्त वर्ष 23 में 2 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य था।
टीआरईडीएस पर विचार रखते हुए रिसिवेबल्स एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट एवं रीजनल हेड मैनाक मंडल ने कहा कि इस साल जून में प्रकाशित नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 25.80 लाख करोड़ रुपये का क्रेडिट गैप है और ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरईडीएस) इस अन्तर को कम करने की कोशिश कर रहा है।
उद्यम पंजीकरण की जानकारी देते हुए सुविधा कन्स्लटेंट प्राइवेट लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (एमएसएमई), विश्वरूप चक्रवर्ती ने कहा कि जेम और ट्रेड्स का लाभ प्राप्त करने के लिए उद्यम में पंजीकृत होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बिना आईटी रिटर्न वाले नए उद्यम भी उद्यम पंजीकरण ले सकते हैं।
स्वागत भाषण एमसीसीआई की एमएसएमई काउंसिल के चेयरमैन संजीव कोठारी ने दिया । धन्यवाद एमसीसीआआई की एमएसएमई काउंसिल के को चेयरमैन प्रतीक चौधरी ने दिया ।

अंशधारकों के हित को ध्यान में रखना जरूरी


कोलकाता । मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने अरविंद फैशन के निदेशक एनं अरविंद लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव निदेशक कुलिन लालभाई के साथ ऑनलाइन सत्र आयोजित किया । लालभाई समूह की डिजिटल गतिविधियों का दायित्व सम्भालते हैं । उन्होंने कहा कि भारत एवं दक्षिण में विश्व में सबसे अधिक मध्यमवर्गीय लोगों को विकसित होता देख रहे हैं । आपूर्ति चेन चीन से भारत में स्थानांतरित हो रही है, सेवा क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है । डिजिटल क्षेत्र भारत की शक्ति बन रहा है । भारत में कपड़ों का घरेलू बाजार, स्थायी और किफायती होना एक वास्तविकता है । व्यवसाय के क्षेत्र में नेतृत्व करने वालों को अंशधारकों के हित को ध्यान में रखकर अंशधारक मूल्य (वैल्यू) निर्धारित करना होगा और यह आगे बढ़ने के लिए प्रेरक होगा ।

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