कला संस्कृति अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपना स्थान बना रही है लघुकथा – सिद्धेश्वर

0
142

कोलकाता ! ” साहित्य में आज सर्वाधिक लिखी और पढ़ी जा रही विधा बन गई है लघुकथा l लघुकथा सहज रूप से पाठकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब रही है l अपने देश में विकसित यह लघुकथा, आज अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपना स्थान बना रही है l हिंदी लघुकथाओं का देश विदेश में अनुवाद हो रहे हैं ! यहां तक कि लघुकथाओं पर अब लघु फिल्में भी बनाई जा रही है ! “
अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था ” रचनाकार ” के तत्वधान में ऑनलाइन आयोजित लघुकथा संगोष्ठी में पढ़ी गई लघुकथााओं पर, समीक्षात्मक टिप्पणी देते हुए, लब्ध प्रतिष्ठित लघुकथाकार सिद्धेश्वर ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि लघुकथा का अंत, जिस्म में सुई चुभोने के जैसा होना चाहिए, और लेखक को अपनी लघुकथा के अंत में कोई टिप्पणी देने से बचना चाहिए, तभी लघुकथा अत्यंत प्रभावकारी होती है ! “
” रचनाकार ” संस्था के संस्थापक एवं संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश चौधरी दादा ने कहा कि – लघुकथा तभी अपने आप में सार्थक होती है, जब उसमें कसाव हो, और उसमें एक शब्द भी अनावश्यक उपयोग नहीं किया जाए ! सिद्धेश्वर जी की इस बात से मैं सहमत हूं कि आज अधिकांश लघुकथाएं ‘ कालदोष ‘ से ग्रसित है, इससे नए रचनाकारों को बचना चाहिए ! हमने इसी उद्देश्य से ” रचनाकार,” संस्था के माध्यम से हर महीने लघुकथा आलोचना संगोष्ठी की शुरुआत की है , ताकि युवा लघुकथाकारों को दिशा निर्देश मिलें, और एक साथ मिलकर हम लघुकथा को और बेहतर बना सकें, लघुकथा की समृद्धि में अपना योगदान दें सके !
लघुकथा लेखिका कोलकाता की लघुकथा लेखिका विद्या भंडारी के सशक्त संचालन में देश भर से चुने हुए सात लघुकथाकारों ने अपनी लघुकथाओं का पाठ किया, और प्रत्येक लघुकथा पाठ के बाद, सिद्धेश्वर एवं सुरेश चौधरी दादा ने त्वरित समीक्षा प्रस्तुत किया l इस यादगार संगोष्ठी में बेंगलुरु की स्वीटी सिंघल ने ‘बोझ ‘, पीलीभीत के विजेंद्र जैमिनी ने ‘सवेरा’, कानपुर की अन्नपूर्णा बाजपेई ने ‘फैशन’, आसाम की कुमुद शर्मा ने ‘ शादी के बाद ‘, पटना के सिद्धेश्वर ने ‘ अंतर’, अहमदाबाद की डॉ ऋचा शर्मा ‘सिहरन ‘ और कोलकाता की विद्या भंडारी ने ‘एहसास ‘ लघुकथाओं का पाठ किया l निश्चित तौर पर , ऑनलाइन या ऑफलाइन, इस तरह का आयोजन, लघुकथाओं पर केंद्रित होनी ही चाहिए !

Previous articleभवानीपुर कॉलेज और सुलेखा इंक फैक्ट्री ने प्रस्तुत किया स्वराज इंक
Next articleचिड़िया से टकराकर हवा में बंद हुआ विमान का इंजन
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

1 + three =