कामकाजी महिलाएं गर्भावस्था में ऐसे रखें अपनी सेहत का ख्याल

जर्नल ऑफ कम्यूनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ (IJCMP) की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में तकरीबन 5,29,000 महिलाओं की मौत गर्भावस्था के दौरान होती है जिनमें एक कारण हाई रिस्क प्रेग्नेंसी भी है। वहीं भारत में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की दर 20-30% है। बात अगर कामकाजी महिलाओं की हो तो भागदौड़ के बीच उनके लिए अपनी सेहत का ख्याल रखना मुश्किल होता है। ऐसे में कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं।
जरूर करें नाश्ता
ऑफिस जाने की जल्दबाजी में अधिकांश कामकाजी महिलाएं नाश्ता नजरअन्दाज कर देती हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान आपकी यह लापरवाही समस्या पैदा कर सकती है। नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन माना जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान इसका महत्व और बढ़ जाता है। नाश्ता न करने से गर्भ में पल रहे शिशु पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए सुबह का नाश्ता खाना न भूलें। ध्यान रखें कि नाश्ते में तरल पदार्थ जैसे जूस, शेक आदि लेने से बचें। इससे मतली आ सकती है।
खुद को रखें हाइड्रेट
गर्भावस्था के दौरान हर महिला को पर्याप्त पानी पीना जरूरी है और कामकाजी महिलाओं को खासतौर पर इस बात का ख्याल रखना चाहिए। गर्भावस्था में कम पानी पीना खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में हो रहे बदलावों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक पानी पीने की आवश्यकता पड़ती है। यह आपको डिहाइड्रेशन से बचाता है।
न खाएं जंक फूड
ऑफिस में ज्यादा समय रहने के दौरान आपको भूख लगना स्वाभाविक है, ऐसे में ज्यादातर गर्भवती महिलाएं भूख लगने पर जंक और पैकेज्ड फूड या फिर अनहेल्दी चीजें खाने लगती हैं। ऐसे भोजन में कार्बोहाइड्रेट/वसा तो भरपूर होती ही है, लेकिन पोषक पदार्थों की कमी होती है। एक नए शोध में पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान चिप्स, नूडल्स और बर्गर जैसे जंक फूड का सेवन होने वाले बच्चे के लिए उसी तरह घातक हो सकता है, जैसा कि धूम्रपान। इसीलिए जंक फूड को नजरअंदाज करें।
ब्रेक है जरूरी
गर्भावस्था के दौरान ऑफिस की कुर्सी पर 8 से 9 घंटे न बैठें। ऐसा करने से आपके बॉडी पोश्चर और पीठ में दर्द की शिकायत बढ़ सकती है। इस परेशानी से बचने के लिए काम के बीच में ब्रेक जरूरी है। पानी पीने के लिए उठें या फिर कॉरिडोर में टहलें। इन दिनों आप ऐसा कोई काम न करें, जिसमें भागदौड़ ज्यादा हो। ऐसा करने से आपको कॉम्प्लीकेशंस भी हो सकते हैं। हमेशा धीमे-धीमे चलें और बार-बार सीढ़ी चढ़ने- उतरने से बचें।
रेडिएशन से बनाएं दूरी
कोशिश करें कि उन चीजों से दूर रहें, जिनसे रेडिएशन का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। सोते समय मोबाइल को खुद से दूर रखें। गोद में लैपटॉप लेकर काम न करें और ऑफिस में सर्वर रूम के आस-पास भी न जाएं। इसके अलावा ऑफिस में कुर्सी पर बैठकर काम करते समय पैरों को लटकाकर न रखें। अपनी टेबल के नीचे स्टूल या लेग सपोर्ट रखवा लें। जब भी कुर्सी पर बैठें तो पैरों को सपोर्ट के ऊपर ही रखें। इससे पैरों में सूजन और एड़ियों में दर्द नहीं होता है। इसके अलावा डॉक्टर से चेकअप करवाती रहें।

(साभार – दैनिक भास्कर)

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