कोयला खनन में कोल इंडिया लिमिटेड का एकाधिकार समाप्त, जानिए कहानी

नयी दिल्ली : देश में कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते देश की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस पैकेज की रोज जानकारी दे रही हैं। शनिवार को वित्त मंत्री ने कहा कि अब कोल इंडिया लिमिटेड की खदानें निजी सेक्टर को भी दी जाएंगी। जानिए अभी तक कोयला खनन के क्षेत्र में एकाधिकार रखने वाली कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड के बारे में…
शनिवार को वित्त मंत्री ने इस पैकेज की चौथी किस्त पेश करते हुए एलान किया कि अब कोयला क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग होगी और सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। कोयला उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता कैसे बने और कैसे कम से कम आयात करना पड़े, इसपर काम होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस फैसले से ज्यादा से ज्यादा खनन हो सकेगा और देश के उद्योगों को बल मिलेगा। 50 ऐसे नए ब्लॉक नीलामी के लिए उपलब्ध होंगे। पात्रता की बड़ी शर्तें नहीं रहेंगी। सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए फास्ट-ट्रैक इन्वेस्टमेंट प्लान बनाया है।
1975 में हुई थी शुरुआत, आज दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी
कोल इंडिया लिमिटेड नवंबर 1975 में अस्तित्व में आई थी। अपनी शुरुआत के साल में 79 मिलियन टन (एमटी) का मामूली उत्पादन करने वाली सीआईएल आज 83 खान क्षेत्रों में कार्य कर रही है और दुनिया में सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी होने के साथ सबसे बड़े कॉर्पोरेट नियोक्ताओं में से एक है।
यह भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जो कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के अधीनस्थ है। कोल इंडिया लिमिटेड कोयला खनन और उत्पादन का कार्य करती है। इसका मुख्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है। देश के आठ राज्यों में इसका कार्य होता है।
कार्यशालाएं, अस्पताल और प्रशिक्षण संस्थान भी संचालित करती है सीआईएल
कोल इंडिया लिमिटेड कार्यशालाओं, अस्पतालों आदि जैसे प्रतिष्ठानों का भी प्रबंधन करता है और 27 प्रशिक्षण संस्थानों और 76 व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों केंद्रों का संचालन करता है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कोल मैनेजमेंट (IICM) जो कि भारत का सबसे बड़ा कॉरपोरेट प्रशिक्षण संस्थान है, इसके तहत संचालित होता है।
महारत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड के प्रमुख उपभोक्ता बिजली और इस्पात क्षेत्र हैं। अन्य क्षेत्रों में सीमेंट, उर्वरक, ईंट भट्टे और विभिन्न लघु उद्योग शामिल हैं। सीआईएल तरह-तरह के अनुप्रयोगों के लिए विभिन्न ग्रेड के कोकिंग और गैर कोकिंग कोयले का उत्पादन करती है।
कोल इंडिया लिमिटेड की उत्पादक भारतीय सहायक कंपनियां
ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड
भारत कोकिंग कोल लिमिटेड
सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड
वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड
नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड
महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड
इसके अलावा कोल इंडिया लिमिटेड की एक खान योजना और परामर्श कंपनी ‘सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टिट्यूट लिमिटेड’ है। इसके अलावा, इसकी मोजांबिक में ‘कोल इंडिया अफ्रीकाना लिमिटाडा’ एक विदेशी सहायक कंपनी है। असम में स्थित खदानें यानी नॉर्थ ईस्टर्न कोलफील्ड्स का प्रबंधन सीधे सीआईएल द्वारा किया जाता है।

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