खाने के पैकेट बनाने में इस्तेमाल होगा री-साइकिल्ड प्लास्टिक

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एफएसएएआई ने जारी किया आदेश
नयी दिल्ली । फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने प्लास्टिक कचरे को दूर करने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। इस निर्णय से न सिर्फ प्लास्टिक वेस्ट को कम किया जा सकेगा बल्कि संभव है आने वाले दिनों में प्लास्टिक पैक्ड खाद्य पदार्थ की कीमतों में भी कुछ कमी आए। हालांकि इस पर अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई आकलन नहीं हुआ कि इस फैसले से कीमतों पर कितना असर पड़ सकता है।
एफएसएएआई ने एक आदेश में कहा है कि प्लास्टिक बोतल में इस्तेमाल होने वाले पेय या खाद्य पदार्थों की बोतलों को री-साइिकल करके दोबारा से खाद्य पदार्थों को पैक करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। शीतल पेय की बोतल, पानी की बोतल, दूध की बोतल सहित कई अन्य खाद्य पदार्थों की बोतलों को इस्तेमाल के बाद री-साइिकल किया जा सकेगा।
खुले में फेंक दी जाती हैं प्लास्टिक की बोतलें
अब भी कुछ बोतलों को री-साइिकल किया जाता था, लेकिन खाद्य पदार्थ में इसका इस्तेमाल नहीं होता था, इसकी वजह से बड़ी मात्रा में प्लास्टिक बोतल खुले में फेंक दी जाती थी, जिसकी वजह से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा था। प्लास्टिक बोतलों में केमिकल्स या अन्य ऐसे पदार्थ होते हैं जो खतरनाक हैं उसे री-साइकिल करके खाद्य-पदार्थों को पैक्ड करने में इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी। वैज्ञानिक आधार पर भी यह देखा गया है कि पीईटी (पॉलीएथिलीन टेरिफ्थेलैट यानी प्लास्टिक बोतल) में कोई हानिकारक रसायन नहीं पाया गया है।
खाद्य पदार्थों में 40 प्रतिशत सिंगल यूज प्लास्टिक
एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण सिंघल ने बताया कि देश में जो खाद्य पदार्थ मिल रहे हैं उसमें 40 फीसदी से ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक है। प्लास्टिक बोतल को री-साइकिल करने से प्रदूषण को भी नियंत्रित करने में कुछ हद तक मदद मिलेगी। प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2018 के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक को री-साइकिल करने पर रोक लगा दी गई थी। इसकी वजह से खाद्य-पदार्थों के पैकेट में उस प्लास्टिक का दुबारा इस्तेमाल नहीं हो सकता था। अब रूल्स में बदलाव कर दिए गए हैं।

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