‘गांधी और सरला देवी चौधरानी’ पर भवानीपुर कॉलेज में चर्चा

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कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज की लाइब्रेरी में साहित्य अकादमी से पुरस्कृत कथाकार अलका सरावगी का नया उपन्यास ‘गांधी और सरला देवी चौधरानी’ बारह अध्याय पर आधारित चर्चा का आयोजन चार मई को किया गया। कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह ने अलका सरावगी का स्वागत किया। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ कविता मेहरोत्रा ने उत्तरीय प्रदान कर उनका सम्मान किया वहीं डॉ मिश्र ने मोमेंटो प्रदान किया । संचालन करते हुए डॉ वसुंधरा मिश्र ने कार्यक्रम की शुरुआत में अलका सरावगी का परिचय दिया और उपन्यास गांधी और सरला देवी चौधरानी पर चर्चा की।डॉ मिश्र ने कई सवाल पूछे जिसमें अलका जी ने बड़ी ही स्पष्टता से उनका निराकरण किया। जैसे बंगाल के मशहूर परिवार रवीन्द्र नाथ टैगोर की भांजी सरला देवी चौधरानी क्या गांधी की आध्यात्मिक पत्नी थीं? यह आपने अपने उपन्यास में किस आधार पर विश्लेषण किया। दो महान व्यक्तित्वों के आंतरिक मामलों को उजागर करने में आपने अपने लेखन में किस प्रकार की सावधानियाँ बरती आदि विभिन्न प्रश्न रहे। रवीन्द्रनाथ टैगोर की भांजी कथाकार स्वर्ण कुमारी की बेटी, बंगाल की दुर्गा और जॉन अॉ आर्क सरला देवी चौधरानी का राजनीतिक संबंध, राष्ट्रीय योगदान, गांँधी के साथ उनका नाम जुड़ना, खादी पहनना, हिंदी का प्रचार-प्रसार, गांधी की करीबी रहीं। गांधी ने उन्हें अपनी आध्यात्मिक पत्नी कहा। इस अवसर पर 25 विद्यार्थियों, शिक्षिकाओं और भारत जैन महामंडल लेडिज विंग कोलकाता की अध्यक्ष अंजू सेठिया, नेहा रामपुरिया और रूमा दास एवं मीडिया से मेघा केजरीवाल की सक्रिय उपस्थिति रही ।प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी, प्रो समीक्षा खंडूरी का सहयोग रहा। कार्यक्रम की सूचना दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने अलका सरावगी से उपन्यास पर नम्रता चौधरी, रवि सिंह और कशिश साह ने प्रश्न भी पूछे।

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