छठ पूजा विशेष…स्मृतियों के झरोखों से बिहार के चकिया का वह छठ घाट !

0
206

 

मौमिता भट्टाचार्य

10 साल हो गए… उस जगह को छोड़े जहां मेरा बचपन बिता.. वो कहते है ना.. मेरी हर पहली चीज इस शहर को पता है। चकिया…बिहार में है यह जगह ।
मेरा स्कूल, मेरा कॉलेज…सब कुछ। जब भी घर से कॉलेज जाना होता था, तब 2-3 किमी पैदल चलकर जाना और आना। शाम को घर आने के बाद भी कोई थकान नहीं। होगी भी क्यों… मौसम ही इतना सुहाना होता।
और छठ… अपने घर में नहीं होती थी पूजा… पर घर में तो होती थी। पड़ोस वाली अन्टी जब गेंहू सुखाती तो मां हमें डांटती कि उधर मत जा, छठ का गेंहू सुख रहा है। फिर शाम वाला अर्घ्य… बुढी गंडक का किनारा… हल्की – हल्की पड़ रही सर्दी और पटाखे। नदी के घाट पर जब पटाखे फूटते है… तो दूर से सुनकर ऐसा लगता है जैसे हांडी के अंदर किसी ने पटाखे रखकर फोड़ा है। मैं कभी भी भोर में नहीं जागती हूं पर भोर घाट वाले दिन मां बस एक बार बुलाती और आँखें मलते हुए मैं उठ बैठती। भोर वाले अर्घ्य के लिए अंधेरा रहते हुए ही घर से निकलना… साल में शायद वो एक दिन होता था, जब सूरज को उगते हुए देखती थी। सूरज निकलने के बाद गंडक में छपछप करना और Naturally गरम पानी का वो अहसास… फिर आता था the best part of chhath… ठेकुआ…. Missing everything.

ओह बताना तो भूल ही गयी… Sir के घर से खरना वाली शाम को जब प्रसाद आता था… उसमें मेरी फेवरिट होती थी लकड़ी के चूल्हे पर बनी रोटी और गुड़ वाली खीर। Ah…heaven. आज भी वो taste ढूंढती हूं… पर कहीं मिलती ही नहीं। तस्वीर 8 साल पुरानी है जब चकिया गयी थी ।

(फेसबुक से साभार ली गयी पोस्ट। मौमिता पत्रकार हैं और कई वर्षों से हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं)

Previous articleछठ पूजा विशेष – महापर्व पर विशेष महत्व रखते हैं यह प्रसाद
Next articleकेदारनाथ मंदिर के पूरे गर्भगृह में चढ़ाई गई सोने की परत
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

eleven + 9 =