टूटी-फूटी चीजों से फर्नीचर बनाकर लाखों कमा रहा है यह इंजीनियर

नयी दिल्‍ली । प्रमोद सुसरे की जिंदगी एक आइडिया ने बदल दी। उन्‍होंने कबाड़ में कमाने का जुगाड़ निकाल लिया। बाइक, गाड़ी के टायर, घर की पुरानी टूटी-फूटी चीजें… जिन्‍हें हम फेंक देते हैं, प्रमोद के लिए वही रॉ मटीरियल है। वह इन चीजों से रीसाइकल्‍ड फर्नीचर बना देते हैं। बाजार में यह फर्नीचर अच्‍छी खासी कीमत में बिकता है। यह ‘हर लगे न फिटकरी रंग चोखा’ वाला व्यवसाय  है। उन्‍होंने इस आइडिया के बूते अपनी स्‍टार्टअप कंपनी शुरू कर दी। इसके जरिये वह लाखों की कमाई कर रहे हैं। इस युवा इंजीनियर ने आज कइयों को अपने यहां रोजगार दे रखा है। प्रमोद ने वह समय भी देखा है जब उनके पास इंजीनियरिंग की फीस भरने तक का पैसा नहीं था। शुरुआत में लोगों ने उनका मजाक तक बनाया। कभी दोस्‍त उन्‍हें कबाड़ी वाला तक बुलाते थे। प्रमोद सुसरे महाराष्‍ट्र के अहमदनगर के रहने वाले हैं। बचपन से ही उनका इंजीनियर बनने का सपना था। 12वीं पास करने के बाद उन्‍होंने इंजीनियरिंग प्रवेशिका परीक्षा पास की। उन्‍हें अच्‍छा कॉलेज भी मिल रहा था। लेकिन, सालाना फीस बहुत ज्‍यादा थी। ऐसे में उन्‍होंने इंजीनियरिंग डिप्‍लोमा किया। डिप्‍लोमा पूरा करने के बाद उन्‍होंने नौकरी शुरू कर दी। लेकिन, इंजीनियरिंग करने की इच्‍छा बनी रही। फिर उन्‍होंने पुणे के एक कॉलेज में आवेदन किया। इसमें वह चयनित हो गए। लेकिन, वहां भी फीस भरना समस्‍या थी। इसे देखकर उन्‍होंने अपने एचओडी से बात की। उन्‍होंने भरोसा दिया कि प्रमोद अपनी नौकरी करते रहें। बाकी चीजें वह संभाल लेंगे। इस तरह प्रमोद ने अपनी इंजीनियरिंग पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्‍होंने एक दूसरी नौकरी पकड़ ली। वहां उन्‍होंने दो साल काम किया। इसके बाद उन्‍होंने पुणे में एक मल्टीनेशनल कंपनी ज्‍वाइन कर ली। इस एमएनसी में उन्‍होंने मेनटिनेंस इंजीनियर के तौर पर काम किया।
चीन की ब‍िजनस ट्रि‍प से आया आइड‍िया
सुसरे को महीने में 12,000 रुपये मिलते थे। मासिक खर्चों को पूरा करना उनके लिए मुश्किल होता था। 5,000 रुपये वह घर भेज देते थे। उनके पास पैसे बचाने की कोई गुंजाइश नहीं बचती थी। हालांकि, 2017 में चीन की बिजनस ट्रिप ने उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। चीन में उन्‍होंने इस्‍तेमाल की गई पुरानी चीजों को रीसाइकिल करते हुए देखा। वहां ऐसे बिजनस की भरमार थी। ये ड्रम और टायर से आकर्षक फर्नीचर बना रहे थे।
प्रमोद को लगा कि भारत में भी इस बिजनस मॉडल को रेप्‍लीकेट किया जा सकता है। इसके लिए मार्केट भी है। चीन से लौटने पर उन्‍होंने रिसर्च शुरू कर दी। उन्‍होंने पाया कि इस सेक्‍टर में कोई बड़ा प्‍लेयर नहीं है। 28 साल के प्रमोद ने 2018 में P2S इंटरनेशनल नाम की स्‍टार्टअप फर्म शुरू कर दी। आज यह कंपनी उन्‍हें लाखों कमा के दे रही है।
बहुत दमदार नहीं थी शुरुआत
शुरुआत में बिजनेस का रेस्‍पॉन्‍स फीका था। लेकिन, धीरे-धीरे इसने रफ्तार पकड़नी शुरू की। जनवरी 2019 में प्रमोद को पुणे के एक कैफे से ऑर्डर मिला। इससे उन्‍हें 50,000 रुपये की कमाई हुई। कैफे मालिक ने सड़क किनारे गन्‍ने के जूस और फूड ज्‍वाइंट्स पर लगे डिस्‍प्‍ले देखकर प्रमोद से संपर्क किया था। दरअसल, एक दिन प्रमोद की बाइक पंक्‍चर हो गई थी। इसे ठीक करवाने वह टायर की दुकान पर गए थे। वे लोग 7 रुपये किलो की कीमत में टायर को कबाड़ में देते थे। प्रमोद ने कुछ टायर और ड्रम्‍स सस्‍ते दामों पर खरीदे। फिर उन पर काम शुरू किया। वह ऑफिस से आकर रोजाना चार-पांच घंटे फर्नीचर बनाते। उनके पास फर्नीचर बनकर तैयार थे। लेकिन, लिवाल कोई नहीं था। फिर उन्‍होंने आसपास के जूस सेंटर और फूड ज्‍वाइंट में उन्‍हें रख दिया। उनके मालिकों को अपना नंबर भी दिया ताकि जरूरत हो तो फोन करके पूछ सकें।
नौकरी छोड़कर पूरा ध्‍यान व्यवसाय में लगाया
सौभाग्‍य से इस कैफे का शुभारंभ कुछ जानी-मानी हस्तियों ने किया था। उन्‍होंने कैफे के फर्नीचर की काफी प्रशंसा की। इसके बाद उसी साल उन्‍हें ठाणे में एक और प्रोजेक्‍ट मिला। इससे उन्‍हें 5.5 लाख रुपये की कमाई हुई। यह प्रोजेक्‍ट उनके करियर में टर्निंग पॉइंट था। इस दौरान वह साथ-साथ नौकरी भी कर रहे थे। उनकी सालाना सैलरी तब कंपनी में करीब 2.5 लाख रुपये थी। कंपनी में एक नया प्रोजेक्‍ट आया था। इसके बाद उनकी सैलरी बढ़ाकर दोगुनी करने का वादा किया गया था। लेकिन, जल्‍द ही उन्‍होंने नौकरी छोड़कर पूरी तरह से अपने कारोबार पर फोकस करने का फैसला किया था।
इसके बाद प्रमोद ने पलटकर नहीं देखा। उनका कारोबार दिन दोगुना रात चौगुना बढ़ने लगा। कारोबार का टर्नओवर 1 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। उनके नेतृत्‍व में 14 कारीगरों की टीम काम करने लगी। उन्‍हें हरियाणा, पंजाब, बेंगलुरु, गोवा और चेन्‍नई से ऑर्डर मिले। प्रमोद युवाओं से अपील करते हैं कि वे नौकरी करने के बजाय खुद का कारोबार शुरू करने पर फोकस करें। इससे उन्‍हें अलग तरह की संतुष्टि होगी।

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