तमिलनाडु के कलईयुर गाँव में हर पुरुष है कुशल रसोईया, सितारे भी हैं मुरीद

मदुरै : मदुरै से 125 किमी दूर रामेश्वरम के रास्ते में गांव है- कलईयुर। तमिल में कलई के मायने हैं ‘कला’ और युर यानी ‘गाँव’। अपने नाम को सार्थक करता रामनाथपुरम् जिले का यह गांव पाँक कला के लिए दुनियाभर में मशहूर है। गाँव का हर पुरुष एक्सपर्ट कुक यानी कुशल रसोइया है। दो हजार की आबादी वाले गाँव के 300 से अधिक कुक देश ही नहीं दुनियाभर के बड़े होटलों और रेस्त्रां में काम कर रहे हैं। बाकी पुरुष शादियों-पार्टियों में लाेगों को अपने भोजन का मुरीद बना रहे हैं। इनकी आय 40 हजार से शुरू होकर लाखों रु. तक जाती है। गाँव के सबसे बुजुर्ग कुक 73 वर्षीय मुरुवेल बताते हैं कि इस काम को पहचान 500 साल पहले मिलना शुरू हुई थी। इस कला ने मछलियां पकड़ने वाले हमारे वानियार समाज को ऊंची जाति के लोगों की रसाेई में जगह दिलवाई है। सबसे पहले संपन्न वर्ग रेडियार ने हमें कुक रखना शुरू किया था। तब से पीढ़ी-दर-पीढ़ी गाँव में हर बच्चा यह काम सीख रहा है। बुजुर्गों की देखरेख में 12 साल की उम्र में ट्रेनिंग शुरू हो जाती है, जो 10 साल तक चलती है। 24 घंटे में 617 डिश बनाकर गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करा चुके सेलिब्रिटी शेफ डॉ. दामू बताते हैं कि कलईयुर के शेफ सी फूड और अपने सीक्रेट मसालों के लिए मशहूर हैं। इनके जैसा करुवर टुकु (सूखी मछली) और चनाकुन्नी (मछली-चावल), प्याज और हरी मिर्च की चटनी दुनिया में कोई नहीं बना सकता। खाना बनाने में ये किसी यंत्र का उपयोग नहीं करते। हर काम हाथ से। वीआईपी और फिल्म एक्टर, फिर भले वो रजनीकांत हो या कमल हसन, कलईयुर के शेफ के हाथों का बना खाना जरूर चखना चाहता है। यहाँ के शेफ ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, सिंगापुर, लंदन, और दुबई तक के रेस्त्रां में नौकरियां कर रहे हैं। अगर आप कलईयुर के शेफ हैं तो अच्छे वेतन पर नौकरी मिलना तय है। हिस्ट्री चैनल भी गाँव के बारे में शो कर चुका है। खाने के शौकीन, ऑफबीट ट्रैवलर और रेसिपी पर शोध करने वालों का इस गाँव में आना-जाना लगा रहता है।
गाँव के हर युवा के पास रोजगार, साक्षरता में भी आगे
एआईएडीएमके नेता और पूर्व मंत्री अनवर राजा बताते हैं कि 55 देशों में 2.5 करोड़ तमिल रहते हैं और जहां तमिल हैं, वहां पर कलईयुर के शेफ भी हैं। इस हुनर के ही कारण कलईयुर गांव में हायर सेकंडरी तक स्कूल है। साक्षरता में गांव जिले में दूसरे नंबर पर है। गांव के हर युवा के पास रोजगार है।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।