तिग्मांशु के गहरे शोध का फल है फिल्म पान सिंह तोमर

ग्वालियर। पान सिंह तोमर की जानकारी तिग्मांशु धूलिया को उस समय मिली, जब वे बैंडिट क्वीन की शूटिंग के लिए चंबल के बीहड़ों में घूम रहे थे। उसके बाद उन्होंने सालों रिसर्च की और जैसे ही मौका मिला पान सिंह के कैरेक्टर को फिल्मी पर्दे पर उतार दिया।

पान सिंह एक फौजी और एक एथलीट व किसान था, यानि एक दिलचस्प कैरेक्टर। ऐसे में तिग्मांशु ने तय कर लिया कि वे इस पर फिल्म बनाएंगे। उन्होंने करीब डेढ़ साल तक बीहड़ों में घूमकर पान सिंह तोमर पर रिसर्च की। हर उस शख्स से मिले, जिसका संबंध पान सिंह से था।

बैंडिट क्वीन की शूटिंग के दौरान ही तिग्मांशु ने तय किया था वे अपने फिल्मी डाकुओं को घोड़ों पर नहीं दौड़ाएंगे। बीहड़ों में कभी भी घोड़े नहीं दौड़ते। रिसर्च के दौरान यह जानकारी मिली कि डकैत बीहड़ और जंगल में पैदल ही चलते हैं। इसलिए पान सिंह तोमर में डकैत बीहड़ में पैदल ही चलते दिखाई देते हैं। इसी सच को लोगों ने पसंद किया।

तिग्मांशु के मुताबिक एक ऐसा इंसान जो 7 साल तक नेशनल एथलीट चैम्पियन रहा और फिर विद्रोह करके हथियार उठाता है। पुलिस उसे एनकाउंटर में मार गिराती है। देश को उसके बारे में मालूम नहीं। इस सबजेक्ट ने उन्हें मजबूर किया कि वे फिल्म बनाएं। यही कारण है कि पान सिंह तोमर का कैरेक्टर फिल्मी पर्दे पर सामने आया। इसके लिए उन्होंने इरफान का चयन किया और पान सिंह तोमर के रूप में इरफान ने जीवंत अभिनय किया।

 

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