दयाप्रकाश सिन्हा और ब्रात्य बसु को साहित्य अकादमी पुरस्कार

 कोलकाता : साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा को इस वर्ष का साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी के लिए दिया जाएगा। इसके साथ ही साहित्य अकादमी राज्य के शिक्षा मंत्री और प्रसिद्ध नाटककार ब्रात्य बसु को उनके नाटकों के लिए सम्मानित करेगी। दया प्रकाश सिन्हा को उनके नाटक ‘सम्राट अशोक’ के लिए मिला यह सम्मान मिला है जबकि बसु को यह सम्मान ‘मीर जाफर’ और अन्य नाटकों के लिए दिया जा रहा है। अंग्रेजी के लिए नमिता गोखले को साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इनके साथ ही 20 भारतीय भाषाओं के लेखकों को वर्ष 2021 का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा गत गुरुवार को की गयी।

ब्रात्य बसु को ‘अश्लीन’ और ‘अरण्यदेव’ समेत कई नाटकों ने उन्हें खास लोकप्रियता दिलाई है। ‘विंकल ट्विंकल’, ‘रुद्धसंगीत’, ‘कृष्णनगर’ और ‘मुंबई नाइट्स’ सहित उनके कई नाटकों का मंचन अलग-अलग समय पर किया गया है। बता दें कि ब्रात्य बसु ने प्रेसीडेंसी कॉलेज और कलकत्ता विश्वविद्यालय में बांग्ला साहित्य का अध्ययन किया है। बाद में उन्होंने कलकत्ता सिटी कालेज में पढ़ाया। उन्होंने अपने अभिनय कॅरियर की शुरुआत गणकृति नामक एक थिएटर ग्रुप में एक साउंड आपरेटर के रूप में की थी। बाद में उन्होंने उस ग्रुप के लिए नाटकों का लेखन और निर्देशन शुरू किया। ब्रात्य बसु राज्य के प्रमुख नाट्यकार और शिक्षाविद् हैं।

आधुनिक नाटक ‘अशालीन’ उनका पहला नाटक है। उन्होंने वह नाटक 1996 में लिखा था. उनके अन्य उल्लेखनीय नाटक में ‘अरण्यदेव’, ‘शहरियार’, ‘विंकल ट्विंकल’ और ‘मर्डर मिस्ट्री ड्रामा’ हैं। उन्हें 1998 में श्यामल सेन मेमोरियल अवार्ड और 2000 में दिशारी अवार्ड मिला है। साल 2006 में, उन्होंने अपना खुद का थिएटर ग्रुप, ‘ब्रात्यजन’ बनाया। साल 2009 में देवव्रत बिस्वास के जीवन पर आधारित नाटक ‘रूद्ध संगीत’ उनका नवीनतम नाटक है। ब्रात्य बसु ने दो फिल्मों का निर्देशन भी किया है। एक है ‘रास्ता’ और दूसरा है ‘तारा’। पहली फिल्म एक युवक के आतंकवादी बनने के बारे में है, और दूसरी फिल्म समाज और प्रेम की विफलता के बारे में है। उन्होंने कालबेला समेत कई फिल्मों में काम किया है। उन्होंने हाल ही में डिक्शनरी नामक एक और फिल्म का निर्देशन किया है।

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