देशराग अमृत – स्वरचित कविता – वही देश भारत है

0
154
सुशील रविदास, गारुलिया मिल हाई स्कूल

आओ भविष्य भारत के,
कराऊँ परिचय भारत से।

जिसके पूर्व में है खाड़ी बंगाल की,
और अरब सागर है पश्चिम में,
वही देश भारत है।

जिसके दक्षिण में है महासागर हिन्द का,
और उत्तर में बसता है हिमालय,
वही देश भारत है।

जहां बहे पवन उनचास,
और मिट्टी होती पांच,
वही देश भारत है।

जहां पानी बदले एक कोस पर,
और तीन कोस पर बदले बोली,
वही देश भारत है।

जहां संगीत में डूबा है काशी,
और लोग डूबे है वतन के प्यार में,
वही देश भारत है।

जहां गुरु बड़ा भगवान से,
और होता आदर उनके नाम से,
वही देश भारत है।

जिसका इतिहास था स्वर्णिम,
और वर्तमान की बात ही क्या,
वही देश भारत है।

जहां के लोग हो निडर,
और भाईचारा जिनका दृढ़,
वही देश भारत है।

जिसकी गोद में खेलती हैं नदियां,
और गीत गाती है चिड़िया,
वही देश भारत है।

जहां पाए जाते धर्म अनेक,
और इंसानियत भी है एक,
वही देश भारत है।

जिस मां के गोद में पलते है भविष्य उसके,
और है तैनात सीमा पर सपूत जिसके,
वही देश भारत है।

हम उसी देश के निवासी हैं,
हम सभी भारतवासी है।

Previous articleमहानगर पहुँची ‘दोबारा’ की टीम
Next articleकलकत्ता गर्ल्स कॉलेज के वार्षिक समारोह में बरसी आजादी के अमृत महोत्सव की वर्षा
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

1 × 3 =