धनबाद में राष्ट्रीय युवा संवाद का आयोजन

धनबाद : नवजीवन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी धनबाद, ह्यूमन एम्पावरमेंट एंड डेवलपमेंट सोसाइटी, वाराणसी एवं माय ड्रीम लाइफ फाउंडेशन, जमशेदपुर के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय युवा संवाद (नेशनल यूथ डायलॉग) के प्रथम सत्र का आयोजन गत रविवार को हुआ। कार्यक्रम के मार्गदर्शक व संरक्षक देश के प्रसिद्ध राजनीतीक चिंतक दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. श्री प्रकाश सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि खुदीराम बोस, भगत सिंह, राजगुरु, राजेंद्र लाहड़ी, रोशन सिंह, अशफाकउल्ला खां जैसे युवा स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को समझें आज के युवा और देश के निर्माण मे अपनी भूमिका को समझें। कार्यक्रम के मॉडरेटर एवं नवजीवन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी, धनबाद के संयुक्त सचिव मिथलेश दास ने बताया कि आमंत्रित युवाओं में लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं दिल्ली विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर, नितिशा खलखो नई शिक्षा नीति 2020 के सन्दर्भ में अपनी बात रखते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कृषि शिक्षा एवं निजीकरण पर विमर्श आवश्यक है। राइटर एवं डिबेटर व दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र दिग्विजय विश्वकर्मा भारतीय लोकतंत्र एवं युवा : वर्तमान परिप्रेक्ष्य अपने बात रखे और चिंता जताई की राजनीति में केवल कुछ घरों के युवाओं का प्रतिनिधित्व के बजाय आम जनता से युवाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं आर.एस.पी. कॉलेज झरिया के छात्र अजय कुमार रवानी भारतीय लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी का प्रश्न एवं वैचारिकी की द्वन्द पर बात रखते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे सहिष्णु देश है।
यह विचार गोष्ठी ज़ूम प्लेटफार्म पर ऑनलाइन आयोजित हुई। प्रथम सत्र के कार्यक्रम का संचालन रजनीश कुमार अम्बेडकर ने स्वागत भाषण कोलकाता की शिक्षिका पूजा गौतम ने एवं परिचय भाषण धनबाद की शिक्षिका काकोली दत्ता ने दिया, कार्यक्रम की समीक्षा आर.एस.पी. कॉलेज झरिया के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. भावना कुमारी ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन जमशेदपुर की समाज सेविका प्रियंका सिरका ने किया।
कार्यक्रम का मार्गदर्शन डॉ. अमरनाथ पासवान, डॉ. सुनील कुमार सुमन, डॉ. मुनेश कुमार, डॉ. तनवीर यूनुस, आर एस पी कॉलेज के प्रो. रितेश रंजन, डॉ. श्याम किशोर प्रसाद, प्रो. रामचंद्र कुमार, प्रो. एतवा टूटी, डॉ. निलेश सिंह, प्रो. डी. के. चौबे, डॉ. मुकुंद रविदास, डॉ. श्याम किशोर प्रसाद, प्रो. अशोक कुमार चौबे, डॉ. भावना कुमारी, प्रो. अंजलि पूनम बेक, प्रो. विजय विश्वकर्मा, भगवत राम, बिनोय मिंज आदि कई शिक्षाविद ने किया।

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