नहीं रहे पद्मश्री डॉ, कृष्ण बिहारी मिश्र

कोलकाता । पद्मश्री से सम्मानित हिंदी के प्रख्यात साहित्यकारडा. कृष्ण बिहारी मिश्र का निधन हो गया है । वे 90 साल के थे । कृष्ण बिहारी मिश्र ने 6 और 7 मार्च की मध्य रात्रि करीब एक बजे अंतिम सांस ली । कृष्ण बिहारी मिश्र के निधन की जानकारी उनके पुत्र कमलेश मिश्र ने दी । पिछले कुछ दिनों से वे बीमार चल रहे थे । कृष्ण बिहारी मिश्र के निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है ।
बताया जाता है कि पद्मश्री से सम्मानित डा. कृष्ण बिहारी मिश्र पिछले करीब एक महीने से बीमार चल रहे थे । कृष्ण बिहारी मिश्र को बीमारी के कारण करीब एक महीने पहले उपचार के लिए कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया गया था । कृष्ण बिहारी मिश्र को तबीयत में सुधार होने पर एक दिन पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था ।
अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाने के बाद कृष्ण बिहारी मिश्र को परिजन घर लेकर चले आए थे । कृष्ण बिहारी मिश्र को जिस दिन परिजन अस्पताल से घर लेकर आए । उसी रात डा. मिश्र अनंत यात्रा पर प्रस्थान कर गए. वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले थे । उनका जन्म बलिया जिले के बलिहार गांव में हुआ था ।
पश्चिम बंगाल के हिंदी जगत के प्रमुख साहित्यकार कृष्ण बिहारी मिश्र को साहित्य में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था । कृष्ण बिहारी मिश्रा ने रामकृष्ण परमहंस के जीवन पर आत्मकथात्मक शैली में “कल्पतरु की उत्सवलीला” पुस्तक की रचना की थी । कृष्ण बिहारी मिश्र की गिनती हिंदी के अग्रणी ललित निबंधकार, हिन्दी पत्रकारिता के अन्वेषक के रूप में होती है ।

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