नाटक साझी संस्कृति और साझी विरासत को जोड़ने एवं संजोने का काम करता है- राकेश

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ए. के.हंगल और अभिनय में सृजन’ पर वेबिनार

कोलकाता । भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा),अलवर द्वारा प्रसिद्ध अभिनेता एवं इप्टा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ए. के.हंगल के 10वें स्मृति दिवस पर 26 अगस्त, 2022 को राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय ‘ए. के.हंगल और अभिनय में सृजन’ था। कार्यक्रम को दो भागों में आयोजित किया गया। प्रथम भाग में, इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर सिंह का निधन 23 अगस्त को हो गया था। यह कार्यक्रम उन्हीं को समर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। जिसमें इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला।
दूसरे भाग में शुरुआत में अलवर इप्टा के पूर्व महासचिव राजेश भारद्वाज ने अतिथियों एवं वेबिनार में पूरे भारत से जुड़े प्रबुद्ध जनों का स्वागत किया। विषय प्रवर्तन करते हुए राष्ट्रीय इप्टा के उपाध्यक्ष तनवीर अख्तर ने कहा कि नाटक के लिए तीन चीजें जरूरी हैं:- ट्रेनिंग, अभ्यास एवं डिसीप्लेन। इन तीन बातों का जो अभिनेता अनुसरण करेगा, वही सृजनात्मक हो सकेगा। मुंबई से प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक व निर्माता रमेश तलवार ने ए.के.हंगल के साथ की गई फिल्मों, नाटक तथा उनकी सोच – शख्सियत के विषय में विस्तार से चर्चा की। नाटक पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नाटक को रिएक्शनरी नहीं होना चाहिए।
मुंबई इप्टा की अध्यक्षा एवं ख्यातनाम अभिनेत्री ‘ये जो है ज़िंदगी’, ‘ससुराल गेंदा फूल’ में अभिनय करने वाली सुलभा आर्या ने कहा कि उनका और हंगल साहब का साथ 50 साल तक रहा। उन्होंने हंगल साहब से सीखा कि ‘अभिनय सिर्फ़ अभिनय नहीं है, उस करैक्टर को जीना है।’ उन्होंने अभिनय के साथ-साथ सोशल अवेयरनेस की भी बात की।
‘वागले की दुनिया’ सीरियल से प्रसिद्धि पाने वाले मशहूर अभिनेता अंजन श्रीवास्तव, मुंबई ने हंगल साहब के साथ फिल्म और नाटक के रिहर्सल करते समय के संस्मरण सुनाए और कहा कि एक्टर को सोशल, विचारों को आदान प्रदान करने वाला तथा समय की पाबंदी रखने वाला होना चाहिए।
मुंबई इप्टा के महासचिव एवं ‘ओम शांति ओम’, ‘कहानी’ आदि फिल्मों में अभिनय करने वाले मशहूर अभिनेता मसूद अख्तर ने हंगल साहब को याद करते हुए कहा कि हंगल साहब आज हमारे बीच नहीं है, परंतु उनकी यादें, हिदायतें एवं विचार आज भी जिंदा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय इप्टा के महासचिव राकेश ने कहा कि नाटक साझी संस्कृति और साझी विरासत को जोड़ने एवं संजोने का काम करता है। जीवन को बहुत से नजदीक देखने वाला कलाकार ही अच्छा अभिनय कर सकता है।
इस कार्यक्रम की खास उपलब्धि यह रही कि कई श्रोताओं ने प्रश्न पूछे, जिनके रमेश तलवार ने जवाब दिए। कार्यक्रम का संचालन अलवर इप्टा की महासचिव डॉ. सर्वेश जैन ने किया। अंत में अलवर इप्टा के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबिनार का तकनीकी पक्ष कादंबरी, कार्तिक एवं स्वाति ने संभाला।

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