पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को विचार मंच का विजय सिंह नाहर सम्मान

कोलकाता : पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने कहा है कि आदर्शों की राजनीति खोती जा रही है उसके स्थान पर विकृति राजनीति सामने आ रही है। जहाँ जन सेवा का भाव नहीं है बल्कि कुर्सी दिखायी देती है। यह दुख का विषय है। वे विचारमंच द्वारा ज्ञानमंच में आयोजित सम्मान समारोह में विजय सिंह नाहर सम्मान ग्रहण करने के उपरान्त बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज राजनीतिक शुद्धिकरण की आवश्यकता है। सम्मान समारोह सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सम्मान उन सभी के लिए होता है जिनके समक्ष सम्मान दिया जाता है यह सम्मान उनके माता-पिता द्वारा दिए गये संस्कारों का है। ऐसे समारोह हमेशा ही प्रेरणादायक होते हैं।
समारोह के मुख्य अतिथि मेघालय के राज्यपाल तथागत राय ने भी इस अवसर पर विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी व उद्योगपति अजित चौरड़िया ने किया। मंच पर पन्नालाल कोचर भी उपस्थित थे।
समारोह में अहमदाबाद के डॉ. जीतेन्द्र बी. शाह को हेमचंद्राचार्य साहित्य सम्मान, चेन्नई के डॉ. दिलीप धींग को आचार्य नानेश सम्मान डॉ. ओम निश्चल को प्रो. कल्याणमल लोढ़ा, सारस्वत साधना सम्मान, डॉ. राजीव रावत आचार्य विष्णुकांत शास्त्री स्मृति प्रतिभा सम्मान को दिया गया। इसके साथ ही विद्यालय गौरव सम्मान सुशील राठी, स्विट्जरलैंड, गणेश ललवानी सम्मान डॉ. श्वेता जैन, जोधपुर तथा फुलकंवर कांकरिया सम्मान डॉ. किरण सिपानी, इंद्र दुगड़ सम्मान चित्रकार पार्थ चटर्जी, कोलकाता, श्रीजैन विद्यालय हावड़ा की छात्रा स्वाति चौधरी को अनुपमा सम्मान व अन्य छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ जैन विद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण एवं सम्मान के बारे में जानकारी दिया संस्था के मंत्री श्री सरदारमल कांकरिया ने तथा संचालन डॉ. तारा दुग्गड़ ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी ने किया।
कार्यक्रम में संस्था के संरक्षक रिखबचन्द्र जैन, पदमचन्द्र नाहटा, जितेन्द्र मेहता, राजेन्द्र भूतोड़िया, विनोद मिन्नी अशोक मिन्नी, ललित कांकरिया, विनोद कांकरिया, मनोज बोथरा, अरुण बक्षावत, रिधकरन बोथरा, दुर्गा व्यास, अनिल ओझा नीरद, डॉ. कमल कुमार, डॉ. बसुमति डागा, श्रीमोहन तिवारी, डॉ. गिरधर राय, सत्यप्रकाश दुबे, दिव्या प्रसाद उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में युधिष्ठिर महतो, हनुमान नाहटा तथा किशोर गेनरी के साथ ही विद्यालय के शिक्षकगण व कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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