प्रख्यात संतूर वादक भजन सोपोरी का निधन

नयी दिल्ली । ‘संतूर के संत’ नाम से प्रसिद्ध भजन सोपोरी का बृहस्पतिवार को कैंसर की बीमारी के कारण हरियाणा में गुरुग्राम के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 73 साल के थे। सोपोरी के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे सौरभ तथा अभय हैं। दोनों पुत्र भी संतूर वादक हैं। अभय ने कहा, “उन्हें पिछले साल जून में बड़ी आंत का कैंसर होने का पता चला था। हमने उन्हें तीन हफ्ते पहले इम्यूनोथेरेपी उपचार के लिए गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया था। यह कारगर नहीं रहा और उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया।’उन्होंने कहा, “ जब भी मैं प्रस्तुति देता था, पापा मेरे साथ रहते थे। मुझे नहीं पता कि उनके बिना मेरा जीवन कैसा होगा।”
सोपोरी के निधन से कुछ हफ्ते पहले 10 मई को महान संतूर वादक पंडित शिव कुमार शर्मा का निधन हो गया था। वह भी कश्मीर से ताल्लुक रखते थे और इस वाद्य यंत्र को शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। शनिवार को ही पार्श्व गायक केके का कोलकाता में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सोपोरी को उनके कॅरियर में कई पुरस्कारों से नवाज़ा गया। इनमें 2004 में पद्म श्री, 1992 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और जम्मू कश्मीर स्टेट लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड शामिल हैं।
संगीतकार उत्तरी कश्मीर के सोपोर जिले के रहने वाले थे और ‘सूफियाना घराने’ से आते थे। दस साल की उम्र में अपनी पहली सार्वजनिक प्रस्तुति देने वाले सोपोरी को संतूर वादन की बारीकियां शुरुआत में उनके दादा पंडित संसार चंद सोपोरी और बाद में उनके पिता पंडित शंभू नाथ सोपोरी ने सिखाई थी। सोपोरी के पास दो मास्टर डिग्रियां थीं। एक भारतीय शास्त्रीय संगीत में जो सितार और संतूर दोनों में विशेषज्ञता है। बहुमुखी कलाकार के पास अंग्रेजी साहित्य में भी मास्टर डिग्री थी और उन्होंने वाशिंगटन विश्वविद्यालय में पश्चिमी शास्त्रीय संगीत गुर सीखे थे।

सोपोरी ने हिन्दी, कश्मीरी, डोगरी, सिंधी, उर्दू और भोजपुरी के साथ-साथ फारसी और अरबी सहित लगभग सभी भारतीय भाषाओं में 6,000 से अधिक गीतों के लिए संगीत तैयार किया। अपने करियर के दौरान, उन्होंने गालिब, दाग, मोमिन, बहादुर शाह ज़फर, इकबाल, फैज़ अहमद फैज़ और फिराक गोरखपुरी जैसे महान शायरों की ‘गज़लों’ के लिए भी संगीत तैयार किया। उन्होंने कबीर और मीरा बाई की रचनाओं को भी धुन दी। वर्ष 2011 में भारतीय डाक विभाग ने कला और संस्कृति के क्षेत्र में सोपोरी के असाधारण कार्य को सम्मान देने के लिए पांच रुपये का डाक टिकट जारी किया।

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