भवानीपुर कॉलेज की एनएसएस टीम पहुँची वृद्धाश्रम,

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जयनगर में नेत्र परीक्षण शिविर ईक्क्षाना का आयोजन 

कोलकाता : किसी भी समाज के लिए, वहाँ की बुजुर्ग आबादी ज्ञान और गौरव का स्रोत होती है। जहाँ तक ​​वरिष्ठ लोगों की आंँखों के स्वास्थ्य का सवाल है, उसके लिए स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है जो जीवन की लंबी अवधि तक आंँखों के स्वास्थ्य को अच्छा रखे। कहा भी गया है ‘आँखें हैं तो जहाँ है’। सच में आँखें शरीर के लिए दीपक की तरह है, आँखें यदि बेहतर है तो जीवन भी बेहतर ढंग से कट जाता है।
इसके लिए आवश्यक है कि हम समाज के वृद्ध लोगों की आँखों की देखभाल और उनकी सेवा के लिए जागरूक रहें। हमारी दी गई सेवाएँ उन तक अच्छी तरह से पहुंँचे।
बुजुर्गों में आँख से संबंधित बहुत – सी बिमारियाँ जैसे मोतियाबिंद, उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन (एएमडी) और ग्लूकोमा आदि हैं जैसी जो बुजुर्गों में अधिक होती हैं । मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी बीमारियाँ उम्र से संबंधित नेत्र रोगों के जोखिम को बढ़ाती हैं। खराब दृष्टि के परिणामस्वरूप गतिशीलता और सक्रियता में कमी आ जाती है। स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आँखों का स्वस्थ होना बहुत महत्वपूर्ण है
वृद्धों की आँखों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज की एनएसएस इकाई ने दक्षिण बारासात आई फाउंडेशन के सहयोग से जोयनगर ब्लॉक में जन्म भूमि बृद्धबास, दक्षिण बारासात, जोयनगर में एक नि: शुल्क नेत्र जांँच शिविर ईक्क्षाना का आयोजन किया। शिविर का उद्देश्य आंँखों की जांँच और आवश्यक मोतियाबिंद सर्जरी, पर्टिजियम, कैलाजियम डीसीटी/डीसीआर सर्जरी आदि के उपचार की पहचान करना था।
भवानीपुर कॉलेज की एनएसएस टीम ने तैइस अगस्त को शिविर का निरीक्षण करने और सभी आवश्यक व्यवस्था करने के लिए आयोजन स्थल का दौरा किया। उन्होंने रोगियों के लिए उपलब्ध बुनियादी ढांँचे और सुविधाओं की जांँच करने के लिए दक्षिण बारासात आई फाउंडेशन अस्पताल का भी दौरा किया।
अट्ठाइस अगस्त, इक्कीस को एनएसएस का प्रतिनिधित्व करने वाले पाँच छात्रों और एनसीसी का प्रतिनिधित्व करने वाले चार छात्रों और तीन संकाय सदस्यों ने जन्मभूमि बृद्धबास का दौरा किया और नि: शुल्क नेत्र जांँच शिविर की शुरुआत की। स्वयंसेवकों ने सक्रिय रूप से कतार प्रबंधन किया, शिविर को सुचारू रूप से चलाने के लिए डॉक्टरों और लाभार्थियों की सहायता की। दक्षिण बारासात आई फाउंडेशन ने जाँच शिविर आयोजित करने के लिए चिकित्सा, पैरा मेडिकल और शिविर समन्वयक आदि प्रदान किए। वृद्धाश्रम में रहने वाले लोगों के साथ स्थानीय लोगों ने भी आंँखों की जांँच कराई।
इस शिविर में कुल अस्सी लोगों का चेक-अप किया गया।वहीं मोतियाबिंद का कुल ग्यारह ऑपरेशन आवश्यक समझे गए। वहाँ कुल उनतालीस चश्मे प्रदान किए गए।
भवानीपुर कॉलेज चश्मे उपलब्ध कराएगा और एनएसएस यूनिट मोतियाबिंद की सर्जरी कराने के लिए नेत्र अस्पताल के साथ समन्वय करेगी। सेवा भाव और देखभाल के प्रतीक के रूप में, भवानीपुर कॉलेज ने वृद्धाश्रम के सभी निवासियों को राशन, नाश्ता, साबुन, तौलिया, मास्क और सैनिटाइज़र की बोतलें, थर्मामीटर, सर्जिकल कैप जैसी आवश्यक चीजें प्रदान कीं। एनएसएस के वास्तविक आदर्श वाक्य “नॉट मी बट यू” को प्रतिबिंबित करने का यह छोटा सा प्रयास था।
कॉलेज प्रबंधन, प्रो. दिलीप शाह, प्रो. मीनाक्षी चतुर्वेदी को धन्यवाद जिन्होंने पूरे प्रोजेक्ट को संचालित करने के लिए अपना निरंतर समर्थन दिया । हम इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रो. चंदन झा और प्रो. मोहित सिंह को भी धन्यवाद देते हैं। पूरा कार्यक्रम एनएसएस की एक पहल थी जिसका समन्वयन प्रो. गार्गी ने किया। इस प्रकार के सामाजिक कार्यों में विद्यार्थियों की अथक भागीदारी रही। विद्यार्थियों ने एक टीम के रूप में काम करना सीखा और महसूस किया कि कैसे कम भाग्यशाली लोग अपना जीवन निर्वाह करते हैं। इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

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