भवानीपुर कॉलेज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर वेबिनार

कोलकाता :  भवानीपुर एजुकेशन कॉलेज में इंटेलिजेंस आर्टिफिशियल पर हुए वेबिनार में मशीन द्वारा सीखने की पद्धतियों के विषय में विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। कृत्रिम तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता के विषय में विषेषज्ञ डायरेक्टर पर प्रेक्सिस बिजनेस स्कूल फाउंडेशन के प्रोफेसर चरणजीत सिंह बतौर प्रमुख वक्ता के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि आज बहुत ही तेज़ी से कृत्रिम बुद्धिमत्ता को अपनाया जा रहा है।व्यवसाय की दुनियां के साथ साथ विभिन्न क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग लिया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जांन मैकार्थी का मानना है कि यह बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है अर्थात यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है ।यह समस्या को हल करता है, निर्णय लेता है और कैसे काम करता है इत्यादि बातों को पहले ही बता देता है। कंप्यूटर प्रणाली बुद्धिमान रोबोट के प्रयोग हो रहे हैं, हवाई जहाज क्षेत्रों में इसका उपयोग हो रहा है भविष्य में भी होगा स्वास्थ्य शिक्षा सामाजिक आर्थिक उत्पादक क्षेत्रों में सफलता मिलने की संभावना है, जैसे – उत्पादन और निर्माण के तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा चरनप्रीत सिंह ने बताया कि जहां एक ओर इसके बहुत फ़ायदे हैं वहीं हानियां भी हैं । बेरोज़गारी की संख्या भी बढ़ने की संभावना है। यह भारी मात्रा में सिद्धांत पर काम करता है इसका स्वरूप कैसा होगा इस पर शोध कार्य चल रहे हैं । इस वेबिनार में प्रोफेसर चरनप्रीत सिंह ने एक छात्र द्वारा पूछे गए सवाल कि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहां तक सीमित है जिसका उत्तर देते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपने विकास की ओर है और विकसित होने में अब अधिक समय नहीं लगेगा जैसा कि एलन मस्क ने बता दिया है कि यह सुपर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनने की ओर है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विषय में काफ़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया। तानिया पान और सृष्टि झुनझुनवाला ने सभी का स्वागत किया। सार्थक बाधवा ने इसकी रिपोर्ट दी। इसके अलावा इस वेबिनार में मशीनों द्वारा सीखने की पद्धतियों के बारे में भी जानकारी दी गयी।कॉलेज के डीन प्रोफेसर दिलीप शाह ने कंप्यूटर की भाषा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह संख्या 01001001111आदि कंप्यूटर की बाइनरी भाषा है जिसका आज हर क्षेत्र में उपयोग हो रहा है। इस कार्यक्रम की जानकारी दी डा. वसुंधरा मिश्र ने।

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