भवानीपुर कॉलेज में इंटर कॉलेज युवाओं ने बिखेरे ‘अल्फाज़ों के रंग’

कोलकाता : भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी के प्लेसमेंट हॉल में इंटर कॉलेज ओपन माइक पर विभिन्न कॉलेजों से आए विद्यार्थियों ने जीवन के रंगों और भावों को शब्दों में पिरोया। कुछ स्वरचित और कुछ अलग हटकर सुनाया। युवाओं के मन की बात अल्फाजों में सामने आई जो अद्भुत और मन को छूने वाली थी। इस अवसर पर डॉ. वसुंधरा मिश्र ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अपने एक स्वरचित गीत ‘एक बार जो तुम कह देते व्यथा अपनी हम तुझको सुनाते ‘से की। कॉलेज की छात्रा अंजलि दूबे ने मधुर हिमाचली गीत चंबा गीत की प्रस्तुति दी। यश खंडेलवाल (जेवियर्स कॉलेज) ने उसकी मुस्कुराहट जैसे चाहतों का-मैं लिखता हूँ जब भी, दृष्टि(अपनी कहानी) , दृष्टि, प्रीतम रावत, आशिका (कहानी)
संगीत विशेषज्ञ सौरभ गोस्वामी ने ‘बड़े अच्छे लगते हो’ गीत गाया। डीन प्रो. दिलीप शाह ने दुष्यंत कुमार की कविता “हो गई है पीर पर्वत सी” सुनाकर विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया।
शिवम खेतान (जेवियर्स कॉलेज) के छात्र ने कुमार विश्वास की तर्ज पर। दिल से दिल लगाने में उम्र देखी नहीं जाता। अब तो डीपी देखकर प्यार होता है। पूजा रानी पॉल -(भवानीपुर कॉलेज) कोरोना पर अपने मानसिक और शारीरिक पीड़ा को शब्दों में बांधा। तानिया ने अंग्रेजी में कविता, आदित्य जाजोदिया, जैन कॉलेज के छात्र ने एक अलग सी पहचान बनाने की आदत है हमें कविता –
रमशा तूबा और सिनचर दासगुप्ता ने गिटार के साथ अंग्रेजी गीत, शेख मोहम्मद फैशल ने क्यों न पुराने दिनों को याद किया जाय, स्नेह मिश्रा – तेरे मेरे इश्क की बात कुछ और होगी। ओम पचिसिया – मुस्कान का कोई मोल नहीं होता। तौकिफ ने शेर, भास्कर ज्योति ने दो अंग्रेजी और हिंदी गीत गिटार के साथ, मयंक विदानी ने – एकतरफा आशिक के विषय में कविता, समीरा और शशांक पुरोहित – दोनों ने मिलकर वर्तमान कैशोर्य प्रेम की बातें बताई जो संदेश के रूप में रहा, खलीजा अहमद – कम्प्यूटर सांइस की – कहानी, पेशे से वकील सैयदा (कलकत्ता विश्वविद्यालय)ने अपने अनुभवों को उर्दू के शेर से आकार दिया।
भविष्य गिलानी ने गिटार के साथ नथिंग लाइक यू अंग्रेजी संगीत, हर्ष कुमार झा टेक्नोलॉजी कॉलेज के छात्र ने अपनी रचना, आदित्य वारिसपुरी ने शाहरूख खान के देवदास की मिमिक्री और कविता, आरिफ ने गिटार के साथ गीत,श्यामल इब्राहिम ने शेर शायरी गज़ल सुनाए, भावना जैनानी ने अंग्रेजी की दो कविताएँ, अंत हुआ अमित सक्सेना के शानदार गीत संगीत के साथ। कार्यक्रम का संचालन और संयोजन किया अंजली और आकिता ने वहीं तकनीक और संयोजन सहयोग रहा सम्राट और रमशा तूबा की टीम का। कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह, कोऑर्डिनेटर प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी, दिव्या ऊदेशी का प्रबंधन सहयोग सराहनीय रहा। इस कार्यक्रम में कोरोना के नियमों का पालन करते हुए पचास विद्यार्थियों को ही शामिल किया गया था। सभी प्रतिभागियों को और ओपन टीम को धन्यवाद दिया डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।