भवानीपुर कॉलेज में नागरिकता पहचान आधार और पैन कार्ड पर वेबिनार

कोलकाता : भवानीपुर कॉलेज में आयोजित नागरिकता पहचान पत्र आधार कार्ड और पैन कार्ड पर हुए वेबिनार में इनके महत्व और उपयोगिता पर विस्तार से जानकारी दी गयी। प्रो दिलीप शाह ने गूगल मीट पर उद्घाटन करते हुए कहा कि नागरिकता पहचान पत्र किसी भी देश के नागरिकों के लिए उनकी पहचान से जुड़े तथ्य हैं। कॉलेज की फैकल्टी सीए प्रो मोहित अग्रवाल विशेष वक्ता और सीए प्रो हर्षवर्द्धन संघी मॉडरेटर के रूप में उपस्थित रहे।

यूनिक आईडेंटिफिकैशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) जिसे आधार कार्ड कहते हैं। इसमें 12 डिजीट नंबर होते हैं जो व्यक्ति का बॉयोमैट्रिक और डेमोग्ग्राफिक पूर्ण परिचय देता है। 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने पहली बार इसको लांच किया था। 2010 में नंदन निलेकणी यूआईडीएआई के चेयरमैन थे जिन्होंने इसका लोगो और ब्रैंड नाम ” आधार”दिया। “आधार” हिंदी शब्द है जिसका अर्थ नींव या अंग्रेजी में बेस है। वर्तमान में आधार के सीईओ श्री पंकज कुमार हैं। 29 सितंबर 2010 में रंजना सोनवणे प्रथम भारतीय को प्रथम आधार कार्ड दिया गया। ये महाराष्ट्र प्रदेश के जिले नंददुरबर के निवासी हैं।

वहीं वर्णसंख्याआत्मक 10 डिजीट नंबर का पेन कार्ड आयकर विभाग जारी करता है। यह टैक्स भुगतान, टीडीएस, टीसीएस क्रेडिट्स, रिटर्न अॉफ इन्कम, विशेष ट्रानसेक्शन, पत्राचार आदि कई क्रियान्वयन के लिए काम आता है। यह व्यक्ति के जीवन से लेकर मृत्यु तक के सभी तथ्यों की जानक रखता है जैसे जन्म प्रमाणपत्र मृत्यु प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, पेन का डिजिटल रूप जिसे क्यू आर कोड और उसकी पहचान और दस डिजीट पेन की कोडिंग आदि बहुत से तथ्यों को रखा जाता है। पैन कार्ड कालेधन को किस प्रकार कम करता है और एक से अधिक पैन रखने के क्या परिणाम होते हैं इन सभी विषयों पर चर्चा की गयी।

पचास विद्यार्थियों ने इस वेबिनार में भाग लिया । वक्ताओं से विद्यार्थियों के साथ प्रश्नोत्तर सेशन में इसके सुरक्षा सम्बन्धी पक्ष पर चर्चा की जो क्यू आर कोड की महत्ता, आधार नागरिकता पहचान, एन आर आई एस के लिए आवश्यक आदि विषयों से संबंधित रहे। दिव्या पी ओडिसी के संयोजन में हुए इस कार्यक्रम में कोआर्डिनेटर प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।इसकी जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने।

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