भारतीय भाषा परिषद का संस्थापक दिवस कार्यक्रम संपन्न

कोलकाता :  भारतीय भाषा परिषद का संस्थापक दिवस गत 1 मई को ऑन-लाइन जूम पर मनाया गया| भारतीय भाषा परिषद के संस्थापक सीताराम सेकसरिया और भागीरथ कानोड़िया के भाषा और शिक्षा प्रेम और उसके लिए उनके सद्प्रयासों की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया| परिषद के प्रांगण में सचिव डॉ. केयूर मजमुदार एवं वित्तीय सचिव घनश्याम सुगला ने माल्यार्पण किया| परिषद की अध्यक्ष डॉ कुसुम खेमानी ने कहा कि सीताराम जी यदि कल्पना थे तो भागीरथ जी उनके मूर्त रूप थे, एक दूसरे के पूरक थे| चौबीस साल की अवस्था से ही सीताराम जी सामाजिक कार्यों से जुड गए थे और दोनों ने मिलकर समाज की उन्नति के लिए शिक्षा संबंधित बहुत से ऐतिहासिक कार्य जैसे मारवाड़ी बालिका विद्यालय की स्थापना और कई संस्थाओं से जुड़े हुए थे| ८८ वर्ष की आयु में भारतीय भाषाओं की समृध्दि के लिए भारतीय भाषा परिषद की स्थापना की| उन्होंने केवल हिंदी ही नहीं सभी भाषाओं के उन्नयन पर ध्यान दिया | इस कार्यक्रम के तहत पहले सत्र में ‘परिषद की वार्ता और यात्रा’ एवं ‘कल आज और कल’ पर विशेष रूप से प्रतिभा अग्रवाल, डॉ. कुसुम खेमानी, डॉ. शंभुनाथ, ईश्‍वरी प्रसाद टांटिया, बिमला पोद्दार एवं रतनलाल शाह ने अपना विचार प्रकट किया|
परिषद के निदेशक डॉ. शंभुनाथ ने बताया कि परिषद का अतीत गौरवशाली रहा है और यहां से बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं| कोरोना काल के दौरान यहां से निकलने वाली पत्रिका वागर्थ अब ई – पत्रिका के रूप में निकल रही है| विश्वंभर दयाल सुरेका जी की सेवाओं के कारण ज्ञान कोष के आठ खंडों का प्रकाशन हुआ जो पचास वर्षों में किसी भी गैर सरकारी संस्था के लिए उल्लेखनीय है| भारतीय भाषा परिषद संस्था भारतीय भाषाओं के प्रति प्रेम और उत्कृष्ट योगदान का प्रतीक है| वहीं राजस्थानी भाषा के पक्षधर रतन लाल शाह ने कहा कि सीताराम सेकसरिया और भागीरथ कानोडिया  जैसे महापुरुषों पर अधिक से अधिक शोधपरक अध्ययन होना चाहिए जिससे युवा पीढ़ी भी प्रेरित हो सके| लंबे समय से जुड़ी डॉ प्रतिभा अग्रवाल ने अस्वस्थता के बावज़ूद ऑडियो द्वारा परिषद को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं| ईश्वर बाबू जी और काको जी के संरक्षण में बचपन से ही देखती आ रही विमला पोद्दार परिषद से शुरू से जुड़ी रहीं| परिषद के वरिष्ठ ट्रस्टी सदस्य ईश्वरी प्रसाद टांटिया ने शुभकामनाएँ प्रेषित की| कार्यक्रम के प्रथम भाग ‘परिषद की यात्रा और वार्ता कल आज और कल’ के अंतर्गत वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अपने वक्तव्य रखे|
दूसरे सत्र के प्रारंभ में ‘वर्तमान संदर्भ में संस्कृति और साहित्य’ पर सचिव डॉ. केयूर मजमुदार ने जानकारी दी कि भविष्य में डिजिटल पटल पर भी एक साहित्यकार की खोज शैक्षणिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान के साझा तत्वावधान में विद्यार्थियों के बीच में युवा प्रतिभाओं को कविता, कृति नाट्‌य, कला व्यंग्य और कहानियॉं की विधा पर विश्‍वव्यापी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी|
द्वितीय भाग ‘वर्तमान संदर्भ में संस्कृति और साहित्य’ विषय पर वागर्थ वेब की निदेशक डॉ वसुंधरा मिश्र ने अपने वक्तव्य में कहा कि कोरोना महामारी काल में किस तरह का साहित्य जन्म लेगा यह आने वाला भविष्य तय करेगा| यह मृत्यु से युद्ध का समय है| साहित्य और संस्कृति मनुष्य की भावना से अन्तर्संबंधित है| इस विषय पर इस समय भी लिखा जा रहा है और आगे आने वाले समय में भी लिखा जाएगा क्योंकि यह इस युग की एक महान घटना है| डॉ संजय जायसवाल,  परिषद के स्थापना दिवस पर विचार रखे। मधु सिंह ने कोरोना महामारी के दौरान उम्मीद लिख रही हूँ कविता सुनायी। कोलकाता रंगमंच के लोकप्रिय अभिनेता अजहर आलम के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला| पूजा सिंह ने कुंवर बैचेन जी कविता पाठ द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की और अपनी कविता की प्रस्तुति दी| वहीं आनंद गुप्ता ने समसामयिक भयावह महामारी में ‘उम्मीद’ कविता सुनाई| रावेल पुष्प ने अजहर आलम की स्मृति में बहुत ही मार्मिक कविता सुनाई| व्यंगकार नुपूर अशोक ने दो कविताएँ सुनाई| कविता ‘गेम का प्लान’ में किए व्यंग को बहुत पसंद किया गया| डॉ राजश्री शुक्ला ने परिषद को बधाई दी| विनोद कुमार ने रमेश उपाध्याय के व्यक्तित्व और कृतित्व की चर्चा करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की|कोरोना काल में असमय मृत्यु प्राप्त रमेश उपाध्याय, अजहर आलम, मंजूर एहतेशाम, अरविंद कुमार, अमिता शाह, विमल लाठ और कुंवर बैचेन जैसे साहित्य और रंगमंच की प्रमुख हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई| इस अवसर पर परिषद की ओर से आने वाले कार्यक्रम ‘एक साहित्यकार की खोज’ के विषय में डॉ केयुर मजमूदार और डॉ वसुंधरा मिश्र ने जानकारी दी जिसमें युवा पीढ़ी की विविध साहित्यिक- सांस्कृतिक प्रतिभाओं को स्थान दिया जाएगा और परिषद के मंच पर उनको चयनित कर विभिन्न कॉर्पोरेट जगत के सहयोग से उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा| यह प्रतियोगिता स्कूल – कॉलेज और राष्ट्रीय स्तर पर फाइनल आकार लेगी| वागर्थ वेब युवाओं और प्रबुद्ध प्रतिभाओं का डिजिटल पटल है जो भारतीय भाषा परिषद की ही इकाई है| समग्र कार्यक्रम का सुचारू संचालन परिषद के भारतीय भाषा परिषद के सचिव डॉ. केयूर मजमुदार ने किया| इस कार्यक्रम के आयोजन में कार्यकारिणी सदस्य अमित मूंधड़ा का डिजीटल पटल पर विशेष सहयोग रहा।

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