भारत में पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में ब्लॉक -चेन तकनीक लाया संकल्पतरू फाउंडेशन

पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाला पहला भारतीय एनजीओ बना

कोलकाता । भारत के प्रमुख आईटी इनेबल्ड एनजीओ में से एक, संकल्पतरु फाउंडेशन ने आज ब्लॉकचेन तकनीक को अपनाने के लिए पॉलीगॉन के साथ जुड़ने की घोषणा की, जिसके बाद संकल्पतरु फाउंडेशन पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाला पहला भारतीय एनजीओ बन जाएगा। इससे संकल्पतरु फाउंडेशन के दानदाताओं को साझा की जाने वाली जानकारियों और पेड़ों के डाटा की सत्यता की जाँच करने में मदद मिलेगी, जिससे फाउंडेशन के प्रति उनका विश्वास बढ़ेगा।

कहा जाता है कि एक प्रमुख कृषि उत्पादक के रूप में, पश्चिम बंगाल में खेती का अच्छा हस्तक्षेप है, इसके बावजूद राज्य के सीमांत किसानों को कम बिक्री दरों के कारण अपनी फसलों पर अच्छा लाभ नहीं मिलता है। संकल्प तरु ने स्थायी वृक्षारोपण कार्यक्रम के विकास के माध्यम से राज्य में जैव विविधता को बढ़ावा देने की प्रतिज्ञा के साथ परियोजना श्यामोलीमा की शुरुआत की, इस प्रकार परियोजना लाभार्थियों के लिए कुशल और प्रभावी आत्म-उत्साही मॉडल तैयार किया।

इस अवसर पर, संकल्पतरु फाउंडेशन के संस्थापक अपूर्व भंडारी ने कहा, “संकल्पतरु ने हमेशा विभिन्न रचनात्मक प्रयासों के जरिए अग्रणी भूमिका निभाई है और तकनीक को इस उद्देश्य के करीब लेकर लाया है। ब्लॉक-चैन ट्री यूआरएल जैसी डिजिटल जानकारी इकठ्ठा करने में मदद करता है, जिसमें ट्री इमेज, ट्री आईडी और उसकी जियो-लोकेशन जैसी बुनियादी जानकारी होती है। इसकी खासियत यह है कि एक बार इसमें जानकारी दर्ज करने के बाद उसमें अनधिकृत व्यक्ति द्वारा किसी तरह का बदलाव करने या उसे हटाने की कोई गुंजाइश नहीं होती है। ब्लॉक-चैन के जरिए हम अपने दानदाताओं और प्रायोजकों के बीच विश्वास पैदा करेंगे और उन्हें जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए लाखों पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।”

ब्लॉक-चैन एक इनफार्मेशन मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी है जो अनधिकृत व्यक्ति द्वारा डाटा में किसी भी तरह के बदलाव करने, उसे हैक और करप्ट करने से रोकने के लिए डिस्ट्रिब्यूटेड प्रोसेसिंग आर्किटेक्चर का उपयोग करती है। यदि कोई डेटाबेस में किसी भी एक रिकॉर्ड को बदलने या उससे छेड़छाड़ करने की कोशिश करता है तो सिस्टम बाकी जानकारियों के साथ उसे क्रॉस-रेफरेंस करेगा, इस तरह आसानी से गलत जानकारी को खोजकर ठीक किया जा सकता है। यह सिस्टम घटनाओं को सटीक और पारदर्शी तरीके से दर्ज करता है। इस तरह, संकल्पतरु यह सुनिश्चित करेगा कि उसके व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट दानदाताओं द्वारा लगाए गए पेड़ कभी भी डुप्लिकेट या किसी और को फिर से नहीं सौंपे जाते हैं। डिजिटल फ़ॉरेस्ट में लगाए गए प्रत्येक पेड़ पर यूनिक डेटा और दानदाताओं को दी गई जानकारी को क्रॉस-वेरीफाई करने के लिए एक प्लेसहोल्डर होगा।

ग्रीन पेट्रोंस पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं और अपने ग्रह पर जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपना भरोसा बनाये रखते हुए समय और पैसा दोनों ही देकर अपने हिस्से का कर्तव्य पूरा करते हैं। संकल्पतरु और पोलीगोनकी ब्लॉक-चेन पहल यह सुनिश्चित करती है कि हर व्यक्ति के पेड़ की जानकारी पूरी तरह से सही हो और उसमें किसी भी तरह से बदलाव करने संभावना ना हो। यह इंटीग्रेशन डेटा को इकठ्ठा करने और एक्सेस करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद है। यह इंटीग्रेशन तकनीकी दुनिया में नए पर्यावरण संरक्षण के लिए नए अवसर लाने का एक बेहतरीन उदाहरण है।

 

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