मीरा के पद

 शिक्षिका -नीलम सिंह

मीराबाई के बारे में – कृष्ण की दीवानी मीरा का जन्म 1503 में ‘मेड़ता ‘के समीप ‘चोकड़ी’ गांव में हुआ था। उनका लालन पालन पितामह राव जोधा ने किया। राह दूदा:अच्छे योद्धा और वैष्णव भारत थे। बचपन से ही मीरा बाई को गिरिधर कृष्ण के प्रति प्रेम हो गया था। मीराबाई का विवाह 13 वर्ष की आयु में ही राणा सांगा के बड़े पुत्र भोजराज से‌1556में हुआ। रचनाएं-मीरा के नाम से अनेक कार्य रचनाएं प्रचलित हैं।उनकी समस्त रचनाओं को ‘मीरा पदावली ‘के नाम से प्रकाशित किया गया है। भाषा शैली-मीराबाई की काव्य भाषा सामान्यतः राजस्थानी मिश्रित ब्रज है।उनके काव्य में गुजराती का विशेष पुट है। संगीत और छंद की दृष्टि से उनका कार्य श्रेष्ठ है।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।