सभी को लाभ देने वाला सप्तर्षि बजट है यह

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डॉ वसुंधरा मिश्र, भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज, कोलकाता

हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ न कुछ लाभ देने वाला बजट है। वैसे भी बजट का पिटारा भारत की आम जनता के लिए जब खुलता है तो सत्तासीन प्रशासन कुछ लुभावने लॉलीपॉप रखते हैं।

सिगरेट, शराब आदि के दाम बढ़ाने से सरकार को रेवेन्यू अधिक मिलेगा। 15 लाख से अधिक आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा जो आम लोगों के लिए अच्छा है।

सरकार को बड़े व्यावसायिक संगठनों का टैक्स भी बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। शिक्षा, खेल, मेडिकल आदि क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार अधिक धनराशि खर्च करने का पहल की है जो सराहनीय है। सरकार ने पारदर्शिता दिखाई है जो एक अच्छा कदम है।

 

कृतिऋचा सिंह

भारत के भविष्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है यह बजट

समग्र रूप से अगर 2023 का बजट देखा जाए तो यह सप्तऋषि बजट है। पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूचित कर दिया था कि इस बार के बजट को सरकार ने कम ज्यादा करके हर सेक्टर पर ध्यान देने का कोशिश की है। और कहीं ना कहीं यह भी दिख रहा है कि कोविड-19 का असर हर क्षेत्र पर पड़ा है क्योंकि साफ दिख रहा है कि हेल्थ सेक्टर और एजुकेशन पर ज्यादा ध्यान दिया गया है । हां यह अलग बात है कि हेल्थ सेक्टर का पिछले बजट के मुकाबले बजट थोड़ा कम कर दिया गया है और एजुकेशन का बजट भी कुछ ख़ास नहीँ बढाया गया लेकिन एजुकेशन पर ध्यान दिया गया है और ज्यादा से ज्यादा एम्स खोलने का भी वादा किया गया है।
डिजिटल लाइब्रेरी भी खोलने की बात कही गई है जिसे पढ़ने लिखने में और आसानी होगी। यदि हम एक लॉ स्टूडेंट के नजरिए से देखे तो सरकार ने एक और सूचना दी है कि कुछ मुजरिम जो जुर्माने ना देने की वजह से जेलों में बंद है उनका अपराध छोटा है पर अज्ञानता और पैसे की कमी के कारण वे जुर्माना माना नहीं दे पा रहे हैं तो ऐसे लोगों का जुर्माना सरकार स्वयं देगी क्योंकि सरकार का मानना है कि जेल में रहने पर उनके ऊपर जो व्यय होता है उससे कहीं बेहतर है क्यों उनके जुर्माने की रकम अदा कर दी जाए और वह आजाद हो जाएं।

इस बजट में जो बाहरी कंपनियां है उसके ऊपर भी टैक्स बढ़ाया गया है और साथ ही साथ सिगरेट पीने वालों के ऊपर भी टैक्स लगाया गया है । मेटल भी महंगा हुआ है टैक्स स्लैब देखा जाए तो इनकम टैक्स में जो पहले 500000 पर लिया जाता था इस बार बढ़ाकर 700000 कर दिया गया है । पुराने टेक्स् स्लैब के मुकाबले नया टेक्स्ट स्लैब ज्यादा अच्छा है क्योंकि पुराने वालों में सी.ए. लोग धांधली करते थे इंश्योरेंस में इन्वेस्ट करने पर टैक्स नहीं देना होता था जैसी चीजें का फायदा उठाते थे तो यह कहा जा सकता है कि टैक्स की धांधली ना हो इसके लिए सरकार ने 700000 रुपये तक की वालों तक को टैक्स में छूट दी है और उसके बाद कहा है कि आप टैक्स दें।

और यह भी कहा जा सकता है कि इस बार बजट में इलेक्शन पर पूरा ध्यान दिया गया है आगे आने वाले 2 सालों में 11 राज्यों में चुनाव है तो इस बात को ध्यान रखते हुए सरकार ने राशन फ्री कर रखा है । बजट में मिडिल क्लास को बैकबोन की तरह रखा है । ज्यादा से ज्यादा पापुलेशन को स्किल डेवलपमेंट की तरफ आकर्षित किया है क्योंकि सर्टीफिकेट वाली पढ़ाई से नौकरी वैसे भी मिलने वाली नहीं थी तो उन्होंने प्रयास किया है कि लोगों के अंदर स्किल ज्यादा होता कि वह अच्छे से अच्छा और ज्यादा से ज्यादा नौकरी कर सके।

तो कहा यह जा सकता है कि आगे आने वाले 10 साल को ध्यान में रखते हुए एक पिच तैयार किया गया है । इस बार आदिवासियों पर भी ध्यान दिया गया है एकलव्य योजना और भी अन्य कई योजनाओं के तहत आने के लिए भी कहा जा सकता है कि जब तक हम 10 ट्रिलियन पर ना पहुंच जाए तब तक कुछ नहीं हो सकता है क्योंकि अभी तक तो हम सिर्फ 3:50 ट्रिलियन इकनोमिक पर है।
यह भी बताने में सक्षम हो पाई है सरकार की भारत और कृषि के ऊपर निर्भर नहीं है बल्कि हम आईटी सेक्टर में भी काम कर रहे हैं भारत में मैंन पावर और ब्रेन पावर अत्यधिक मात्रा में है और इसका सही प्रयोग करना सरकार ने इस बार ठान लिया है। तो देश अगर हम डैशबोर्ड देखें किसी भी देश का मान लीजिए अमेरिका का डैशबोर्ड देखते हैं तो हमें दिखता है कि 1% इंडियन 3% टैक्स पे करता है । अमेरिका का तो क्यों ना वह तीन परसेंट टैक्स पर इंडिया में ही रहे और अपने आप को स्किल्ड बना ले।

कृषि के क्षेत्र में भारत दाल और गेहूं और चावल के अलावा बाजरा ज्वार इन सब के ऊपर भी अब ध्यान आकर्षित कर रहा है अब मिल्ट्स के ऊपर भी रिसर्च किए जा रहे हैं ताकि इनको भी मुख्यधारा में लाया जाए और अनाज का प्रोडक्शन बढ़ाया जाए ताकि जितने भी अन्य रिसर्च और सेंटर और प्रोग्राम है वह इन सारे मेलेट्स के ऊपर भी काम कर सकें और इन अनाजों को भी मुख्यधारा में हम प्रयोग कर में ला सकें । इसका प्रमुख कारण यह है कि हमारे पास अलग-अलग प्रकार का मौसम और मिट्टी है और हम उसका सही फायदा नहीं उठा पा रहे हैं तो सरकार ने प्रयास किया है कि इस बार अलग-अलग प्रकार के मौसम और अलग-अलग प्रकार की मिट्टी का भरपूर फायदा उठाया जाए और अनाज उत्पादन को 3 गुना कर दिया जाए जिससे छोटे किसानों को बहुत फायदा होगा । इसका एक प्रमुख उदाहरण यूक्रेन वार हो सकता है क्योंकि यूक्रेन वार के दौरान स्ट्रिपिंग का वह जो मैदान था जो कि क्रॉप कल्टीवेशन के लिए बहुत अच्छा माना जाता था वह पूरी तरीके से नष्ट हो गया नष्ट हो जाने के कारण उन्होंने मिलटस के ऊपर कार्य करना प्रारंभ किया और उनके पास अब अनाज उगाने भर का पर्याप्त मैदान नहीं था जिसके कारण उन्हें दूसरे देशों से मदद लेनी पड़ गई गेहूं के लिए।
इसके अलावा बजट में मशीनरी के ऊपर कार्य किया गया है इस बार के बजट में टूरिज्म पर विशेष ध्यान दिया गया है शुरुआत में उन्होंने ग्रीन एनर्जी पर भी बहुत ज्यादा ध्यान देने का प्रयास किया है और यह कहा है कि शिमला में एक ग्रीन एनर्जी ट्रेन भी प्रारंभ करेंगे अब कहां तक प्रारंभ करते हैं यह तो सरकार से पूछने वाला प्रश्न है लेकिन योजनाएं कहीं न कहीं कार्य कर रही हैं
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह बजट सप्तऋषि स्तर का बजट है जिसमें हर सेक्टर हर क्षेत्र को विशेष तौर पर ध्यान में रखा गया है ताकि आगे आने वाले 10 साल का पिच तैयार हो सके और भारत प्रगतिशील ताकि और प्रतिबद्ध हो सके और अमृतमहोत्सव को 2047 जो कि भारत के 100 साल पूरे होने पर भारत को विकसित कहा जा सके।

बजट से शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में आएगा बदलाव

सुगंधा झुनझुनवाला

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार जबरदस्त बजट पेश किया। उन्होंने नयी कर व्यवस्था प्रस्तावित की जिसमें 7.5 लाख की आय तक कोई कर नहीं होगा (मानक कटौती के रूप में 50000 रुपये सहित) । सरचार्ज की दर को 37 से घटाकर 25% करना जो एक बदलाव है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजनाओं को बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया है जो पहले 15 लाख रुपये थी। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बजट में रेलवे को सबसे ज्यादा बढ़ावा मिला है। रेलवे के नवीनीकरण और विकास के लिए भारी निवेश परिव्यय किया गया है ।

स्वास्थ्य क्षेत्र को ₹89155 करोड़ का आवंटन मिला जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में भी जबरदस्त बदलाव आएगा। विद्यार्थियों के लिए डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किए जाएंगे और अधिक नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे जिससे अधिक शिक्षकों की भर्ती होगी, जिससे हमारे देश में शिक्षा क्षेत्र का समग्र विकास होगा और रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे।

 

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