सरकार के लेखे-जोखे में सुधार जरूरी – सुरेश प्रभु

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कोलकाता ।  पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने सरकार के लेखे-जोखे में सुधार की वकालत करते हुए कहा जवाबदेही लाने और आर्थिक विकास के लिए शुरू किए गए कार्यक्रमों के नतीजों पर नजर रखने के लिए ऐसा करना जरूरी है। प्रभु ने यहां एमसीसीआई द्वारा आयोजित परिचर्चा सत्र में कहा कि जवाबदेही और आर्थिक विकास के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के नतीजों पर निगरानी के लिए सरकारी लेखा-जोखा में सुधार जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी जरूरत सरकार के लेखा-जोखा में सुधार की है। प्रभु नागर विमानन, वाणिज्य, रेल के अलावा कई अन्य मंत्रालयों का प्रभार संभाल चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘जब मैं रेल मंत्री था, मैंने रेलवे के खातों में सुधार शुरू किया था। कई ट्रेन दुर्घटनाओं के बाद 2017 में मैंने रेल मंत्रालय छोड़ दिया था।
उन्होंने कहा कि भारत को आर्थिक रूप से समृद्ध होने के लिए किसी विशेष आर्थिक मॉडल की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘वहीं कुछ अपनाने की जरूरत है, जो देश के लिए सर्वश्रेष्ठ हो। 1991 में अच्छे उपाय किए गए थे, जिन्होंने बाद में आर्थिक नीतियों की दिशा में बदलाव किया। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि रोजगार भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है और सरकार की स्टार्टअप इंडिया पहल रोजगार सृजन के लिए एक अच्छा अवसर है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव की वजह से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। एनसीएईआर के इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड अथॉरिटी (आईईपीएफ), चेयर प्रोफेसर डॉ. मृदुल सागर ने कहा कि भारत तेजी से विकास कर रहा है, विश्व आर्थिक व्यवस्था में बढ़ती ऊंचाईयों की सराहना करेगा। उदारीकरण ने भारत के विकास में मदद की। उम्मीद है कि 2027 में भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर जर्मनी को पछाड़ देगा और 2030 में भारत के जापान को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।
इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के उप प्रबंध निदेशक पवन के कुमार ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में पिछले कुछ महीनों में कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है, जिससे मौद्रिक और राजकोषीय नीतिगत उपायों में बदलाव आया है। यद्यपि भारत को एक ही समय में उत्पादन और उपभोग दोनों घर होने का एक विशिष्ट लाभ है, भारत सरकार की पहल जैसे कि आत्मानिर्भर भारत, पीएलआई योजना, पीएम गति शक्ति विश्व स्तर पर विकास को गति प्रदान करेगी।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार की प्रधान सलाहकार रूपा दत्ता ने कहा कि सरकार धन सृजन पर जोर दे रही है। सरकार का जोर कौशल को बढ़ाने, गुणवत्ता को प्रोत्साहित करने, डिजिटलीकरण और स्टार्टअप को आगे ले जाने पर है। देश में अभी 83 बिलियन अमरीकी डॉलर एफडीआई है। स्वागत भाषण एमसीसीआई के अध्यक्ष ऋषभ कोठारी ने दिया। सत्र का संचालन एमसीसीआई की एमएसएमई काउंसिल के चेयरमैन संजीव कुमार कोठारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन एमसीसीआई की स्टार्टअप और स्किल डेवलपमेंट काउंसिल के चेयरमैन समरजीत मित्रा ने किया।

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