सुशान्त की हमेशा याद दिलाएगी ‘दिल बेचारा’

~ निखिता पाण्डेय

#दिल बेचारा मुकेश छाबड़ा के निर्देशन में बनी एक रोमांटिक फिल्म है, जो जाॅन ग्रीन द्वारा 2012 में बनायी फिल्म ‘The Fault in Our Stars’ पर आधारित है,जिसमें दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत और अभिनेत्री संजना संघी ने बेहतरीन भूमिका निभाई है। इन दोनों पात्रों का नाम किज़ी बासु(Kizie Basu) और इमैनुएल राजकुमार जूनियर उर्फ मैनी(Manny) रहता है।इसमें अभिनेता सैफ अली खान की छोटी-सी भूमिका है, उनका नाम ‘अभिमन्यु वीर’ रहता है,जो एक संगीतकार होते हैं। सबसे मज़ेदार किरदार साहिल वैद का रहता है,जो मैनी का दोस्त ‘जगदीश पाण्डेय’ उर्फ ‘जेपी’ हो है,

“जन्म कब लेना है और मरना कब हम डिसाइड नहीं कर सकते हैं।

पर जीना कैसे है,वो हम डिसाइड कर सकते हैं………..।” – सुशांत

इस मूवी में एक बहुत अच्छी बात को दर्शाया गयी है जो आप कितने भी प्रेरक यानी मोटिवेशनल वीडियो देख लें,तो भी अपना नहीं पायेंगे। मगर सुशांत ने इस फिल्म के चरित्र को जिया है,उसमें खुद को डूबा लिया है और सागर की लहरों की तरह हम सबको अपने साथ बहाकर ले गया। जिंदगी बहुत खूबसूरत है और बहुत छोटी भी…..इसमें मुश्किलें भी है,तो सुकून की चादर भी है। अगर सारी ज़िंदगी सिर्फ ‘मैं’ और ‘तुम’ करने या बोलने में,नींचा दिखाने में,ताना मारने में,लड़ने-झगड़ने में ही बिता दोगे,तो ‘हम’ और ‘हमारा’ बनकर प्यार कब करोगे ???? मरने के बाद……….. ?

कहते हैं मरने के बाद की दुनिया कैसी होती है कोई नहीं जानता और मरने के बाद सब खुश रहते हैं ? जब जी रहे हो,इतनी सुंदर दुनिया मिली है,तो इसे जियो न……क्यूं जीते जी मर रहे हो और दूसरों को जीने नहीं दे रहे……।।।।।।।।
इसमें दोनों को कैंसर रहता है….और ये जानते हैं कि ये ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रहेंगे मगर फिर भी दोनों मज़ाक से शुरू हुई दोस्ती को एक-दूसरे में जान की तरह बस गये। जीने की वजह बन गये और मरने के पहले और मरने के बाद भी सिर्फ प्यार किया। शिकायत की कोई जगह नहीं थी। इन्होंने ज़िन्दगी को कभी नहीं कोसा बल्कि शुक्रिया अदा किया कि तुमने मुझे उससे मिलवाया और जीने की वजह दे दी। हम सबको यह सीख लेनी चाहिये कि हम सिर्फ ज़िंदगी को कोसते हैं कि हमारे पास ये नहीं है,वो नहीं है,वो सुंदर है,हम बदसूरत है,वो पतली है,हम मोटे हैं,वो अमीर है,हम गरीब है……वगैरह,वगैरह…हमारी शिकायतें कभी खत्म नहीं होती है….अरे! भगवान ने जो दिया है,जितना दिया है,वो काफी है…उनका धन्यवाद करो और जो भी है उसी में संतुष्ट रहो और जो भी मिलेगा,वो अच्छा ही होगा। बस इतनी छोटी-सी बात नहीं समझ सकते…..जब तक जीवन है,उसके हर पल को जियो और हर लम्हें को सुंदर तथा यादगार बनाओ….जीवन में कभी भी किसी चीज के प्रति पछतावा मत रखना….वरना जी नहीं पाओगे….जो भी करो सच्ची निष्ठा से करना, तभी सफलता मिलेगी। खुद से प्यार करना सीख लो,कभी कोई धोखा नहीं देगा और किसी की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी…..वो अंग्रेज़ी में कहते है न ‘Self love is very important,because it’pure’ अपने मन को सुंदर और पावन बनाना सीखो और दूसरे के चेहरे में उसकी खूबसूरती नहीं मन की सुंदरता देखो,तब जाकर इस दुनिया के हर कोने में अलौकिक सुंदरता दिखाई देगी। कभी-कभी कुछ लोग ऐसे मिलते हैं,जो कुछ ही मिनटों में आपकी चरखे वाली ज़िन्दगी को तेज़ गाड़ी-सी रफ़्तार दे देते हैं और उन्हें आप कभी भूल नहीं पायेंगे। जैसे हम सभी के पास स्मार्टफोन है,उसमें सभी के पास एक ‘गूगल मामा’ रहते हैं,तो आप सभी अपने जीवन का ‘गूगल मामा’ खोजे,जो आपके हर सवाल का जवाब दे सके,आपकी मंज़िल तलाशने में मदद कर सके और जब भी आप परेशान हो,तो एक असिस्टेंट की तरह आपका मनपसंद गाना सुनाकर मन शांत कर सके,दुःखी होने पर चुटकुले सुनाकर हंसा दे। अगर आप इतने काबिल बन गये,तो किसी के जीवन का ‘गूगल मामा’ बनकर उसे रास्ता दिखाएं……मन से जब आप अच्छा काम करेंगे न तो जो खुशी मिलती है, वह ‘Out of the World’ होती है और ऐसी खुशियां पैसे से कभी खरीदी नहीं जा सकती। फिल्म के अंतिम दृश्य में, वह चौथी दीवार तोड़ता है और किज़ी से बात करता है, जिसके लिए वह “सेरी” का जवाब देता है।इससे यह पता चला कि “OK” को तमिल भाषा में “सेरी” भी कहा जाता है।
अंत हर एक चीज़ों का होता है….इसका भी हो रहा है…..बस इतना ही कहूंगी कि आपके जीवन में जो भी है,उसे पास रखिये,दूर मत जाने दीजिये….वरना जब वो पास नहीं होगा, तो उसकी एहमियत पता चलती है…सभी के साथ रहिये और पास रहिये क्योंकि ये दिल जो हमारा है,वो बेचारा है….।

#खुश रहो,खुशियां बिख़ेरो #सेरी #ज़िन्दगी का टैगलाइन।

 

निखिता पांडेय