कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन ‘अपवाद’, जल्द समाधान की उम्मीद: तोमर

नयी दिल्लीः केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बुधवार को राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को ‘‘अपवाद’’ बताया और कहा कि यह ‘‘एक राज्य तक सीमित’’ है. हालांकि उन्होंने इस मामले के जल्द समाधान की उम्मीद भी जताई। तीन कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हुए हालिया सुधारों से देश में उत्साह का वातावरण है। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम के एक सम्मेलन को डिजीटल माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जो प्रदर्शन हो रहे हैं वह अपवाद है और वह एक राज्य तक सीमित है. हम वार्ता कर रहे हैं। मुझे जल्द समाधान निकलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां इन कानूनों का विरोध हो रहा है वहीं दूसरी तरफ लाखों किसान इसके समर्थन में आ रहे हैं। तोमर ने इस अवसर पर पिछले छह सालों में केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी और दावा किया कि इनसे किसानों की आय में वृद्धि होगी तथा कृषि फायदे का सौदा साबित होगी। केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें एक लाख करोड़ रुपए के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड शामिल है। इसका उपयोग गांवों में कृषि आधारभूत ढांचा तैयार करने में किया जाएगा और 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) तैयार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कृषि और सहायक क्षेत्रों में इन प्रावधानों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और कृषि फायदे का सौदा बनेगा। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के मध्य जारी गतिरोध के बीच  तोमर ने कहा था कि सरकार ‘‘वास्तविक किसान संगठनों’’ के साथ वार्ता जारी रखने और खुले दिमाग से मसले का समाधान खोजने को तैयार है। उन्होंने यह भी कहा था कि जिस न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकार की किसानों से उनकी उपज खरीदने की प्रतिबद्धता होती है, वह एक प्रशासनिक निर्णय होता और यह वर्तमान स्वरूप में इसी तरह जारी रहेगा।

विनिवेश को मिलेगी रफ्तार : निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विनिवेश को अब तेज गति मिलेगी। विनिवेश के लिए पहले ही कैबिनेट की जिसे मंजूरी मिल चुकी है, उन्हें पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। एसोचैम फाउंडेशन वीक के पहले दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीतारमण बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि विनिवेश से संबंधित दो प्रमुख गतिविधियों में तेजी आई है। अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बड़े उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी को कम करने वाली चीजें एक साथ काम कर आगे बढ़ रही हैं। विनिवेश की गति अब और तेज रफ़्तार से आगे बढ़ेगी। इसके लिए जो मंजूरी पहले दी गई है उस पर फोकस किया जाएगा।

रक्षा सेक्टर में भी होगा विनिवेश

वित्त मंत्री ने कहा कि विनिवेश रक्षा, डीआरडीओ से संबंधित प्रयोगशालाओं का भी होगा। बैंकों या जहां मैं चाहती हूं कि वे कंपनियां बहुत अधिक पेशेवर तरीके से चलाए जाएं, उन सभी को भी बाजार से धन जुटाने में भी सक्षम होना चाहिए। सीतारमण ने कहा कि 2021-22 के केंद्रीय बजट में अर्थव्यवस्था को फिर से जीवित करने के लिए बुनियादी ढांचे पर उच्च सार्वजनिक खर्च (  हाई पब्लिक एक्सपेंडिचर)  को बनाए रखने पर जोर दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि हम निश्चित रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर में सार्वजनिक खर्च पर गति को बनाए रखेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि यह एक असामान्य वर्ष रहा है और उधारी को ऐसे स्तरों पर रखा गया है ताकि सरकारी परियोजनाओं में जल्दी से पैसा वापस लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के खर्च को बनाए रखने के लिए इस कदम को पूरी तरह से मान्यता दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष (एनआईआईएफ) विदेशी धन को आकर्षित करने की पूरी कोशिश कर रहा है।

मार्च -अप्रैल तक शुरू हो सकती है सिंगल विंडो प्रणाली : पीयूष गोयल

केन्द्रीय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) केंद्र और राज्य और स्थानीय स्तर पर विभिन्न मंत्रालयों के बीच अनुमोदन के लिए एक एकल खिड़की प्रदान करने के लिए एक वास्तविक प्रयास कर रहा है, ” गोयल ने एसोचैम फाउंडेशन सप्ताह 2020 को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, “हम इसे एकीकृत करने की कोशिश कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि मार्च या अप्रैल तक, आपको वास्तविक सिंगल विंडो की प्रक्रिया दिखाई देगी जो आपके अनुपालन बोझ को कम कर सकती है, आपको अपने व्यवसायों को बढ़ावा देने और व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगी।” गोयल ने कहा कि सरकार की नीतियां उद्योग की अनुपालन आवश्यकताओं को आसान बनाने और सब कुछ डिजिटल और ऑनलाइन बनाने की दिशा में हैं। इनमें लाइसेंस और मंजूरी के लगातार नवीकरण के बोझ को कम करना भी शामिल है। गौरतलब है कि एसोचेम अपना 100वाँ स्थापना दिवस मना रहा है। एसोचेम के अध्यक्ष निरंजन हीरानन्दानी, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट विनीत अग्रवाल तथा महासचिव दीपक सूद समेत चेम्बर के अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे।

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