क्षेत्रीय एयरलाइनों, हेलीकॉप्टर परिचालकों के लिए बनेगी सरकारी नीति

नयी दिल्ली । नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार क्षेत्रीय एयरलाइनों और हेलीकॉप्टर परिचालकों के लिए एक नीति तैयार कर रही है, जिसका मकसद अंतिम छोर तक संपर्क को बढ़ावा देना है।
सिंधिया ने कहा कि भारत में छोटे शहरों के हवाई अड्डों के साथ ही क्षेत्रीय संपर्क पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने उद्योग निकाय एसोचैम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘इसमें कुछ मुद्दे हैं – मांग का स्तर, पट्टे की लागत और मूल्य निर्धारण – इन बातों पर हम विचार कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम क्षेत्रीय एयरलाइनों और हेलीकॉप्टरों के लिए उन्हें और अधिक किफायती बनाने, अधिक व्यापक बनाने और अंतिम छोर तक संपर्क मुहैया कराने के लिए एक नीति लाने जा रहे हैं, क्योंकि वृद्धि भी इसी क्षेत्र से आने वाली है।’’
मंत्री ने कहा कि वृद्धि के अवसर ओडिशा के झारसुगुडा और असम के रूपसी जैसे छोटे शहरों से आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंतिम छोर तक संपर्क मुहैया कराना होगा।
सिंधिया ने आगे कहा कि भारत में आज हेलीकॉप्टरों की उपलब्धता नहीं के बराबर है। भारत के पास 130-140 सिविल हेलीकॉप्टर हैं और अगर आप एक विकसित देश को देखें, तो उसके पास हजारों की संख्या में हेलीकॉप्टर हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमें एक ऐसी नीति लानी होगी, जो हेलीकॉप्टरों के लिए वृद्धि को गति दे, खासतौर से पूर्वोत्तर और द्वीपीय राज्यों में… मैं इस पर काम कर रहा हूँ।’’ उन्होंने कहा कि भारत में विमानन क्षेत्र वृद्धि के शुरुआती चरण में है और यह क्षेत्र हमारे देश के परिवहन की रीढ़ बनने जा रहा है।

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