‘खुद को विशेषज्ञ के रूप में स्थापित करें हिन्दी के विद्यार्थी’

◊ श्री शिक्षायतन कॉलेज में मनाया गया हिन्दी दिवस समारोह

कोलकाता : वरिष्ठ साहित्यकार मृत्युन्जय का मानना है कि आज हिन्दी को विशेषज्ञों की आवश्यकता है। श्री शिक्षायतन कॉलेज द्वारा आयोजित हिन्दी दिवस समारोह में वक्ता के रूप में उपस्थित मृत्युन्जय ने ‘भाषा का व्यवहार’ विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हिन्दी साहित्य के विद्यार्थियों को अपनी पर्यवेक्षण शक्ति मजबूत करनी चाहिए और खुद विशेषज्ञ के रूप में तैयार करना चाहिए। उनकी हर पँक्ति में उनका अनुभव बोलना चाहिए। इससे हिन्दी के क्षेत्र में एक बड़े अभाव की पूर्ति हो सकेगी। इस अवसर महाविद्यालय की ओर से रचनात्मक लेखन तथा आशु अभिनय प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी। स्वागत भाषण श्री शिक्षायतन कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अदिति दे ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन सचिव प्रदीप कुमार शर्मा ने किया। विषय प्रवर्तन हिन्दी विभागाध्यक्ष रचना पांडेय ने किया। प्रथम सत्र का संचालन डॉ. प्रीति सिंघी ने किया जबकि दूसरे सत्र का संचालन प्रो. सिन्धु मेहता ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अल्पना नायक ने किया। रचनात्मक लेखन के निर्णायक डॉ. अभिलाष कुमार गोंड थे जबकि आशु अभिनय के निर्णायक द्वय मृत्युन्जय तथा अनीता राय रहीं। रचनात्मक लेखन में जोगेश चन्द्र चौधरी कॉलेज की नीतू साव को प्रथम, बेथुन कॉलेज की ज्योति झा को द्वितीय और जयपुरिया कॉलेज की अनन्या पहाड़ी को तृतीय पुरस्कार मिला। आशु अभिनय में लेडी ब्रेबोर्न दल को प्रथम, अभिनय में बेथुन कॉलेज की वैदेही राय को प्रथम और श्रीशिक्षायतन कॉलेज की उर्वी जायसवाल को द्वितीय पुरस्कार मिला।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।