गुरु

-सुशील

ज्ञान देना काम गुरु का,
न करना अपमान गुरु का।

जो गुरु करे न अपना काम,
क्या मिलेगा तुमको ज्ञान।

उस ज्ञान का सम्मान करो तुम,
कभी न अभिमान करो तुम।

गुरु की सलाह को मानो,
उनके अनुभव को जानो।

गुरु बड़ा भगवान से,
आदर होता उनके नाम से।

जब मानोगे तुम गुरु को उच्च,
पद मिलेगा तुमको सर्वोच्च।

शुभजिता

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