छोटी ही सही मगर शुरुआत जरूर होनी चाहिए

अच्छा इलाज और जरूरत पड़ने पर अच्छे डॉक्टर का मिल पाना आज के दौर में बेहद जरूरी चीज है मगर ये दोनों ही आसानी से नहीं मिलते। अच्छा इलाज मिल जाए तो यह महंगा होता है और डॉक्टर घर नहीं जाते और जाते भी हैं तो उनकी फी अचानक बढ़ जाती है। नंदिनी बसु फूकन की समस्या भी कुछ ऐसी ही थी। एक अनुभवी एच आर प्रोफेशनल के रूप में 16 साल गुजारने के बाद उन्होंने अपनी 2 सहयोगियों की सहायता से इस समस्या का समाधान निकाला और शुरूआत हुई वैद्य.कॉम की। गौर करने वाली बात यह है कि इन तीनों में से किसी नने डॉक्टरी नहीं पढ़ी मगर आज उनके साथ 150 से अधिक डॉक्टर जुड़े हैं। डॉक्टर ऑन कॉल परिसेवा बंगाल मे एकदम नयी है। अपराजिता ने वैद्य.कॉम की संस्थापक और संचालक नंदिनी बसु फुकन से मुलाकात की –

वैद्य मेरी अपनी जरूरत की देन है

मैंने 16 साल बतौर एच आर प्रोफेशनल काम किया है और कामकाजी होने के नाते घर में अभिभावकों की देख-रेख कितना मुश्किल और अहम् है, मैं जानती हूँ। मेरी पृष्ठभूमि डॉक्टरों वाली नहीं है मगर दवाओं और डॉक्टरों की जरूरत घर में हमेशा पड़ती थी। कई बार डॉक्टर के पास ले जाना मुश्किल होता था और कई बार डॉक्टर घर नहीं जाना चाहते। तब मुझे लगा कि यह समस्या तो सिर्फ मेरे साथ नहीं बल्कि दूसरों के साथ भी हो सकती है। आपको नर्स मिल सकती है और अब ऑनलाइन दवाएं मिल सकती हैं मगर डॉक्टर कॉल करने पर मिले, यह नहीं हो पाता और यहीं से वैद्य. डॉट कॉम की शुरूआत करने का ख्याल आया। यह मेरी अपनी जरूरत की देन है।

बहुत जगहों पर निराशा भी मिली

डॉक्टरों को चुनना और उनको अपने काम के बारे में समझाना, यह इतना आसान भी नहीं था। बहुत से डॉक्टरों से सहयोग मिला तो कई डॉक्टर ऐसे थे जिन्होंने अपने व्यवहार से हमें हताश किया या फिर उनकी फी इतनी अधिक थी कि हमारे लिए वहन करना आसान नहीं था। जरूरी था कि हम जिसके साथ जुड़ने जा रहे हैं, वह एक अच्छा इंसान भी हो। हमने 400 डॉक्टरों से मुलाकात की और उनको परखा और आज हमारे साथ 150 डॉक्टर जुड़ें हैं।

कोलकाता के किसी भी इलाके में हम उपलब्ध करवा सकते हैं डॉक्टर

हम लोगों और डॉक्टरों के बीच सम्पर्क करवाते हैं और कई बड़ी दवा कम्पनियों से भी हमें सहायता मिली है। मेरी सहयोगी शिवानी देव डॉक्टरों से मिलने और मुलाकात करने की जिम्मेदारी निभातीं है और उनके अनुभव का हमें बहुत लाभ मिला है। ऑपरेशन की जिम्मेदारी तृष्णा मुखर्जी देखती हैं और मैं रणनीति बनाती हूँ। वैद्य 2015 मई में शुरू हुआ और आज हम कोलकाता के किसी भी इलाके में डॉक्टर उपलब्ध करवा सकते हैं। हम अपने क्लाइंट्स और डॉक्टरों से एक दूसरे के बारे में राय जानते रहते हैं और डॉक्टरों में भी यह उत्सुकता हमने देखी है।

लोग काफी पड़ताल करते हैं

कोलकाता के लोग काफी शिक्षित हैं और वे कोई भी परिसेवा लेने से पहले काफी पड़ताल करते हैं। डॉक्टरों की उम्र और उनकी योग्यता के बारे में कई सवाल करते हैं। हमारे यहाँ मधुमेह, मेडिसिन और डेंटिस्ट की काफी माँग है। आज हमें रोजाना 3 से 5 कॉल मिलते हैं और हमारा सारा काम फोन और सोशल मीडिया पर ही होता है। हम गुवाहाटी के बाद भुवनेश्वर में भी अपनी परिसेवा आरम्भ करना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक मरीजों और डॉक्टरों तक पहुँचकर पूर्व भारत में अपनी पकड़ मजबूत बनाना है।

छोटी ही सही मगर शुरुआत करें

कल्पना को सीमा में न बाँधें। छोटी ही सही मगर शुरुआत जरूर होनी चाहिए।

शुभजिता

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